आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। नियम-67 केें तहत चर्चा में शामिल होते हुए वन मंत्री राकेश पठानिया ने विपक्ष के सभी आरोपों पर जमकर पलटवार किया। इस दौरान पठानिया ने कहा कि इस वैश्विक महामारी में विपक्ष को राजनीति करने के बजाय सरकार का साथ देना चाहिए।
इस दौरान वन मंत्री राकेश पठानिया और विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू में वेतन कटौती को लेकर भी तीखी नोकझोंक हुई। पठानिया का कहना था कि इस सदन का हर सदस्य अपना वेतन कटवा कर कोरोना से जंग में योगदान दे रहा है। इसमें किसी का ज्यादा-कम योगदान की बात गलत है। इस पर सुक्खू ने कहा कि सभी सदस्यों का तीस प्रतिशत वेतन कट रहा है जबकि, उन्होंने अपना पूरा वेतन कोरोना से जंग के लिए दे दिया है। अगर पठानिया को लगता है कि मैं गलत हूं तो वह विधानसभा अध्यक्ष से पता करा लें और उसके बाद मेरे बराबर ही पूरा वेतन कोविड फंड में दे दें।
इससे पहले पठानिया ने एक-एक कर कांग्रेस नेताओं के आरोपों पर जमकर पलटवार किया। कहा कि युद्ध और आपदा में हर नागरिक साथ देता है। 1971 के युद्ध के बाद अटल जी ने इंदिरा गांधी को दुर्गा का रूप बताया था। लेकिन, आज कांग्रेस पार्टी अपनी सियासी नफे के लिए वर्तमान प्रधानमंत्री को लेकर गलतबयानी कर रही है।
आज नैतिकता की दुहाई देने वाली कांग्रेस पार्टी को तब नैतिकता याद नहीं आई जब उनकी पूरी कैबिनेट सुप्रीम कोर्ट के चक्कर काट रही थी। प्रदेश को जब बल्क ड्रग पार्क मिलेगा तो प्रदेश में एक क्रांति आ जाएगी। चुटकी लेते हुए कहा कि सरकार ने 13 करोड़ खर्च कर प्रदेश के बाहर फंसे लाखों हिमाचलियों को घर पहुंचाया लेकिन, कांग्रेस पार्टी ने किया कुछ नहीं लेकिन 12 करोड़ रुपये का खर्च दिखा दिया।
वहीं, विधायक नंदलाल ने कहा कि कोविड से लड़ाई के दौरान क्वारंटीन केंद्रों की भारी दुर्दशा देखने को मिली है। अस्पतालों में वेंटिलेटर नहीं थे और जब उन्होंने रामपुर के अस्पताल में वेंटिलेटर के लिए अपनी विधायक निधि से पैसा जारी किया तो अगले दिन सरकार ने विधायक निधि सीज कर दी और विधायकों को निहत्था कर दिया। वहीं, विधायक अरुण कुमार ने कहा कि कांग्रेस विधायक घर बैठ गए होंगे लेकिन, हमने लोगों को हर संभव मदद की कोशिश की।
राजेंद्र राणा ने कहा कि एमएलए संस्था को जितना कमजोर सरकार ने किया उतना कभी नहीं हुई। कहा कि एमएलए का वेतन काटना गलत नहीं है लेकिन ये सलाह देने वाले क्लास वन और क्लास टू के अधिकारियों का भी कुछ वेतन काटना चाहिए था।