आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। प्रदेश विधानसभा में मानसून सत्र के छठे दिन सोमवार को सदन में विपक्षी कांग्रेस ने कुल्लू के विधायक को परेशान करने और एसपी कुल्लू को हटाने को लेकर सदन में जमकर हंगामा किया और बर्हिगमन कर बाहर चले गए। दो दिन बाद विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने कुल्लू के कांग्रेस विधायक सुंदर सिंह ठाकुर को परेशान करने और उनके घर को सील करने के आरोप लगाए और एसपी कुल्लू को हटाने की मांग उठाई। इस बीच मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर स्थिति साफ करने के लिए सदन में खड़े हुए तो उनके जवाब से असंतुष्ट प्रतिपक्ष हंगामा और नारेबाजी करता रहा।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष को कहा कि सारे मामले का राजनीतिकरण न करें और अपने साथी को संकट में न डालें। उन्होंने कहा कि बीजेपी से जुड़े लोगों ने विधायक आवास के बाहर विरोध दर्ज किया था और तोड़फोड़ में शामिल थे उनके खिलाफ उच्च न्यायालय के आदेश पर कार्रवाई की गई है। दोनों पक्षों की ओर से एफआईआर दर्ज है, इंतजार करें। उन्होंने कहा कि कंगना रणौत की तरह यह लोग भी सहानुभूति जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। पर इनके साथ ऐसा नहीं होगा। जयराम ठाकुर के जवाब के बीच स्पीकर ने प्रश्नकाल आरंभ करने की घोषणा करनी चाही तो कांग्रेस विधायकों ने वॉकआउट कर दिया। इसके बाद करीब ढाई बजे ही प्रश्नकाल शुरू हो पाया। विपक्ष के सदस्य विधानसभा परिसर में भी नारेबाजी करते रहे।
इससे पहले पाॅवट आफ आर्डर के तहत नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने प्रश्नकाल के शुरू होने से पहले यह मामला सदन में उठाया और आरोप लगाया कि एसपी ने खुद ही आदेश निकालकर अपने विधायक को भी कंटेनमेंट जोन में बंद करवा दिया है। पुलिस अधीक्षक को यह भी मालूम नहीं है कि मुख्य सचिव ने आदेश निकाला है कि कोरोना वायरस के मामले आने पर पूरे कार्यालय को बंद करने का कोई प्रावधान नहीं है। केवल उसी क्षेत्र को सील करना है जहां पर संक्रमण हो। जब मुख्य सचिव ने आदेश किया है कि दफ्तर पूरा सील नहीं करना है तो यह कैंपस सील कर रहे हैं। विधायक को बंद करने का गलत तरीका है। एमएलए को अंदर रखना है तो यह विधानसभा अध्यक्ष को सूचित किया जाना था। उन्होंने कहा कि सूचित किए बगैर ऐसा करना गलत है। सूचित किए बगैर गिरफ्तारी और अन्य कार्रवाई तक नहीं की जा सकती है। विधायक के संस्थान को इतना नीचे भी गिराना सही नहीं है, इससे अधिकारियों को मौका मिलता रहेगा।
उन्होंने मांग की कि एसपी के खिलाफ एक्शन लिया जाए। उन्होंने पूछा कि किस अथॉरिटी से पुलिस अधीक्षक ने इसे सील करवाया।
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस अधीक्षक ने किस बिनाह पर इसे बंद करवाया। इसकी निंदा की जाती है। उन्होंने कहा कि पुलिस अधीक्षक पर कार्रवाई की जाए। इस पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि इस विषय पर सदन में पहले भी बात हो चुकी है। विधायक ने अपना पक्ष रखा है। सरकार की ओर से भी जवाब दे दिया गया है। लेकिन विपक्ष नहीं माना और सदन से वाकआउट कर नारे लगाते हुए बाहर चले गए।