नवरात्रों से पहले लोगों को मंदिरों में जाने और अन्य कार्यक्रमों पर मिलेगी छूट

0
8

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला। अनलाॅक-5 शुरू होने के चलते हिमाचल प्रदेश में 17 अक्तूबर से नवरात्रे भी शुरू हो रहे हैं। ऐसे में यह उम्मीद जताई जा रही हैं कि लोगों को मंदिरों में जाने से और अन्य काय्रक्रमों में छूट मिल सकती हैं। इसे लेकर भाषा विभाग की ओर से प्रपोजल बनाना शुरू कर दिया गया है। इसमें सबसे पहले नवरात्रों के समय श्रद्धालुओं को मंदिरों में प्रसाद चढ़ाने की छूट दी जा सकती है। भाषा विभाग ने इसको लेकर प्रपोजल तैयार कर लिया है। बताया जा रहा है कि अगली केबिनेट की बैठक में इसको लेकर फैसला लिया जाएंगा। नवरात्रों में कई शुभ कार्य होने है। शादी से लेकर कई धार्मिंक कार्य करवाने का प्लान लोगों का द्वारा किया जाना है।

वहीं नवरात्रों के समय में मंदिरों में जागरणए भंडारे भी बड़े लेवल पर लोग करवाते है। लंबे समय से आस्था में विश्वास रखने वाले लोग इस बात का इंतजार कर रहे है कि कब मंदिरों में आयोजनों को लेकर सरकार मंजुरी दे। हांलाकि 15 अक्तूबर तक पुरानी एसओपी के तहत ही श्रद्धालुओं को मंदिरों में आना होगा। सोशल डिस्टैंसिंग के साथ ही जो गाइडलाइन जारी की गई हैए उसका पालन भी करना होगा। हांलाकि 15 अक्तूबर के बाद यह सारी व्यवस्थाएं बदल सकती है। मंदिरों में कार्यक्रमों में 200 से ज्यादा लोगों को आने की छूट दी जा सकती है। उपायुक्तों का सुझाव भी लिया जाएंगा कि वो मंदिरों में कार्यक्रम आयोजित करवाने के फैसले को किस तरह से लेते है।
फिलहाल यह भी साफ है कि मंदिरों के खुलने के बाद जिन शक्तिपीठो में हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते थे, वहां अब केवल 50, 100, 150 लोग ही आ रहे है। बता दे कि प्रदेश में मंदिरों में विवाहए मुंडन और हवन की अनुमति पर सरकार ने अभी भी रोक लगाई है।

राज्य के प्रमुख मंदिरों में आइसोलेशन वार्ड स्थापित किए गए है। सरकार ने आदेश दिए है कि इन मंदिरों स्वास्थ्य विभाग की टीमें तैनात की जाएं। ताकि किसी भी श्रद्धालु में कोविड-19 के लक्षण पाए जाने पर उन्हें तुरंत आइसोलेट कर दिया जाएगा। सरकार के पहले के आदेशों में कहा गया है कि जुखाम-बुखार- खांसी और अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों को भी प्रवेश नहीं दिया जाएगा। राज्य सरकार की ओर से जारी एसओपी के तहत श्रद्धालुओं को एक मिनट के भीतर दर्शन करने के आदेश 15 अक्तूबर तक भी ऐसे ही जारी रहेगे। श्रद्धालुओं को मंदिरों के भीतर टहलने व बैठने की अनुमति नहीं है।
प्रदेश सरकार ने धार्मिक स्थलों खोलने के लिए दिशानिर्देश कर दिए हैं। इसके तहत 65 वर्ष से अधिक आयुए किसी भी बीमारी से ग्रसित,गर्भवती महिलाएं और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों को अनुमति नहीं होगी। इसके अतिरिक्त जुखाम, बुखार, खांसी लक्षण वाले व्यक्ति भी मंदिरों में प्रवेश नहीं कर पाएंगे।