आदर्श हिमाचल ब्यूरो
सोलन। शूलिनी यूनिवर्सिटी और नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर डिजास्टर मैनेजमेंट (एनआईडीएम) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित “आपदा प्रबंधन और वर्तमान महामारी में आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के दौरान आपदा प्रबंधन और प्रतिक्रिया” पर 3 दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का मंगलवार को उद्घाटन किया गया।
कुलपति प्रो पीके खोसला द्वारा सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया गया और विश्वविद्यालय के सभी पैनलिस्टों और प्रतिभागियों को स्वदेशी रूप से विकसित, ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म के बारे में जानकारी दी। उन्होंने आपदा प्रबंधन के दौरान प्रतिक्रियाओं के लिए तैयार रहने के महत्व को रेखांकित किया और एनआईडीएम को शूलिनी विश्वविद्यालय के साथ भागीदारी के लिए धन्यवाद दिया।
तकनीकी सत्र की शुरुआत सुरेंद्र ठाकुर, सलाहकार, एनआईडीएम द्वारा की गई, जिन्होंने आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण जैसे विभिन्न अन्य संस्थानों के बारे में विस्तार से बात की।
दूसरे सत्र की अध्यक्षता लेफ्टिनेंट कर्नल डी.सी. वशिष्ठ ने की। उन्होंने दुनिया भर में आई आपदाओं के इतिहास के बारे में बात की। उन्होंने आपदा प्रबंधन चक्र के बारे में विशेष रूप से तैयार प्रतिक्रिया, और शमन के बारे में बात की, और आपदा प्रबंधन और आपदाओं के प्रकारों से जुड़े विभिन्न मुद्दों के बारे में विस्तार से चर्चा की।