दीवान राजा
आनी। दलाश क्षेत्र के रिवाड़ी निवासी घटेश्वर शर्मा का दिमाग कंप्यूटर से भी तेज चलता है। बचपन मे खेलने-कूदने की उम्र में वह मिनटों में बड़ी से बड़ी संख्या को सरपट हल कर देेते थे और सिर्फ चन्द सैंकड में ही बड़े से बड़े गणित सवाल को भी हल करने की क्षमता रखते थे ।
दो खिलाड़ियों के बीच काले और श्वेत रंग के चौखानों वाले पट्ट पर खेली जाने वाली शतंरज प्रतिस्पर्धा जो देखने वालों को भी अपनी ओर आकर्षित करती है। घटेश्वर शर्मा ने वर्ष 2000 में शतरंज में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेकर हिमाचल के टॉप टेन में शामिल हुए । वहीं क्षेत्र में होने वाली विभिन्न शतरंज प्रतियोगिताओं में तो इनका सिक्का चलता है ।
घटेश्वर शर्मा को अपने मोबाइल में किसी का नंबर सेव करने की ज़रूरत नहीं पड़ती । घटेश्वर शर्मा को 2000 से ऊपर के मोबाइल नंबर मुह जवानी याद है । किसी का नंबर भी घटेश्वर शर्मा सैंकड में बता देते हैं । वहीं,हिमाचल समेत भारत का जीके भी इनकी जुबान पर रहता है ।
घटेश्वर शर्मा का बचपन बड़ी मुसीबतों के साथ बीता है । 1995 में सिर से पिता का साया उठ गया । घटेश्वर शर्मा पढ़ना चाहते थे लेकिन घर की आर्थिक स्तिथि व ज़िम्मेवारियों ने इन्हें आगे की पढ़ाई का मौका नहीं दिया । इसलिए दलाश से दसवीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करके नौकरी की तलाश में रहे । लगभग 11 साल तक रामपुर के एक मेडिकल स्टोर में काम किया उसके बाद कुमारसैन में एक वर्मा मेडिकल स्टोर में काम करने लगे जहां लगभग 6 साल तक काम किया ।
इस दौरान उन्होंने दुकान में बिना कैलुकुलेटर के ही हिसाब किताब करते थे । ततपश्चात 2013 में सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड के वायल प्रोजेक्ट में नौकरी की तलाश में गए । वहां के सीनियर मैनेजर ने इनकी प्रतिभा को देखते हुए घटेश्वर शर्मा को एसजीवीएन के जीएम से मिलाया तो भी इनकी प्रतिभा देखकर दंग रह गए और इन्हें नौकरी दी गई । सतलुज जल विद्युत निगम के अधिकारियों की भी घटेश्वर शर्मा पहली पसंद है ।इन्हें वर्ष 2014 में निगम के सीएमडी और जीएम ने बेस्ट एम्प्लॉयी के अवार्ड से भी सम्मानित किया । घटेश्वर शर्मा एसजीवीएन के एजीएम विकास शर्मा को अपना आदर्श मानते है और अपनी सफ़लता का श्रेय विकास शर्मा को ही देते है ।