आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। हिमाचल की राजनीति की नींव हिला देने वाले और हर आंख में आंसू ला देना वाले बहुचर्चित गुड़िया कांड में आज तक न्याय नहीं मिल पाया है। अब न्याय की आस में एक बार फिर पीडित परिवार ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस संबंध में वीरवार को प्रदेश उच्च न्यायालय में मां की ओर से याचिका दायर कर कोर्ट के सेवारत जज की निगरानी में सीबीआइ से दोबारा जांच की मांग की गई है। आरोप है कि पहले अधूरी जांच हुई। कोर्ट के गेट के बाहर मीडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान मां के आंसू निकल आए। उन्होंने रूंधे गले से पहाड़ की बेटी के लिए इंसाफ दिलाने की मांग उठाई। कोर्ट में इस याचिका की पैरवी वकील देवेन भट्ट, आशीष जमालटा करेंगे। इसमें मदद सेवा ट्रस्ट भी सहयोग कर रहा है।
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बता दें कि कि इससे पूर्व मां ने सुप्रीमकोर्ट में याचिका दायर की थी। वहां से तीन सदस्यीय बैंच ने याचिका की सुनवाई के दौरान आदेश दिए थे कि याचिकाकर्ता को इसमें वापस हाईकोर्ट जाना चाहिए। उसी कोर्ट ने पहले भी वारदात की स्वत: संज्ञान लेकर सीबीआइ जांच करवाई थी। पीडि़त परिवार को अभी तक न्याय नहीं मिला है। उन्होंने सीबीआइ जांच पर भी सवाल उठाए हैं। छात्रा के साथ जघन्य अपराध के बाद से प्रदेशभर में उबाल आ गया था। लोग न्याय मांगने सड़कों पर उतर आए थे। हाइकोर्ट ने उस वक्त खुद संज्ञान लिया था। छात्रा दुष्कर्म व हत्या मामला और कोटखाई थाने में हुई एक आरोपित सूरज की मौत मामले के सीबीआइ जांच के आदेश दिए थे।
बता दें कि कोटखाई के गांव हलाईला क्षेत्र में 15 साल की स्कूली छात्रा के साथ 4 जुलाई को 2017 को दुष्कर्म हुआ और फिर निर्मम हत्या कर दी गई। पहले जांच पुलिस ने की। पुलिस ने जिन आरोपितों को गिरफ्तार किया, उनमें से सूरज की कोटखाई थाने की हवालात में मौत हो गई थी। इससे जनता सड़क पर उतर आई थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने दोनों मामलों की सीबीआइ जांच के आदेश दिए थे। जांच में पुलिस की थ्योरी गलत साबित हुई। सीबीआइ ने सभी आरोपितों को क्लीन चिट दी, जबकि बाद में छात्रा के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले में चिरानी अनिल कुमार उर्फ नीलू को गिरफ्तार किया। इस मामले का शिमला की एक अदालत में ट्रायल चल रहा है। यह ट्रायल अंतिम चरण तक पहुंच गया है।