आदर्श हिमाचल ब्यूरो
आनी। राष्ट्रीय अविष्कार सप्ताह राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला आनी द्वारा आयोजित गूगल मीट कार्यक्रम में एपीजे विश्वविद्यालय शिमला के रजिस्ट्रार मुख्य अतिथि तथा बिपाशा भाटिया सीडीपीओ आनी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। प्रधानाचार्यौ शिक्षकों और शिक्षार्थियों को संबोधित करते हुए डॉक्टर आर के काय स्था ने दीर्घकालीन शिक्षण अनुभवों को सहज रूप से साझा किया तथा विद्यार्थियों और शिक्षकों को अपने दायित्व का बोध कराया।
भारत रत्न एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन को लाल बहादुर शास्त्री के जीवन से तुलना करते हुए विभिन्न शिक्षाविदों के कूट शब्दों को सांझा करते हुए विद्यार्थियों में जहां प्रेरणा की अलख जगाई वही शिक्षकों को नसीहत देते हुए कहा कि जब श्रद्धा पूर्वक शिष्य अपने गुरु के चरण स्पर्श करता है तो उस वक्त हमारा दायित्व और गुरुतर अर्थात माता-पिता का हो जाता है। डॉ, कायस्था ने कहा कि हम प्राचीन और अर्वाचीन में जो शुभ है उसे सरोकार रखते हुए सतत अपना अवलोकन भी करें और अपने दामन के दागों का भी नित्य अवलोकन कर साफ करने का प्रयास करें!
उन्होंने कहा कि छात्रों के प्रति न्यायोचित रहे और समय की विडंबना के साथ जो आज लघुत्तम मार्ग परीक्षा के दिनों में देखने को मिलता है उसका साहस और निर्भीकता के साथ सामना करने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर बिपाशा भाटिया सीडीपीओ आनी ने कैरियर कॉन्सलिंग पर छात्र और शिक्षकों से अपने विचार तर्क और तथ्यों के साथ सांझा किए तथा छात्रों का बखूबी ज्ञान वर्धन किया।
कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए प्रधानाचार्य अमर चौहान ने कहा कि कायस्था जैसे अनुभवी और प्रेरक शिक्षक समाज के सच्चे पथ प्रदर्शक हैं और आनी और रामपुर क्षेत्र की जनता का यह एक विशेष अधिकार के रूप में हमारे लिए ज्ञान के अनमोल उपहार हैं। अमर चौहान ने राजकीय महाविद्यालय आनी में बतौर प्रधान आचार्य कायस्था के योगदान को याद करते हुए बताया कि अहर्निश महाविद्यालय में काम करते हुए एक इतिहास रच कर एवं आने वाले प्रधानाचार्यो के लिए एक प्रेरणा प्रतीक बनकर कायस्था जी का योगदान पथ प्रदर्शक रूप में अविस्मरणीय रहेगा।