हिमाचल सहित देश में सुगम फूड नेटवर्क स्थापित करेगा जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी

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आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला। स्टेट ऑफ फूड सिक्योरिटी एंड न्यूट्रीशन इन द वर्ल्डं (एसओएफआई) रिपोर्ट 2020 के अनुसार  साल 2017 से 2019 तक खाद्य असुरक्षा के वैश्विक बोझ में भारत का योगदान 22 प्रतिशत था जो किसी भी दूसरे देश से ज्यादा था। देश के इस मौजूदा बोझ के अलावा कोविड.19 महामारी ने देश में खाद्य सुरक्षा की स्थिति और किसानों की आय के स्तर को और बिगाड़ दिया क्योंकि सामाजिक दूरी के उपायों और अर्थव्यवस्था के लिये अचानक उत्पन्न हुई रूकावट ने आपूर्ति श्रृंखला को गंभीर क्षति पहुँचाई। इस परिदृश्य में जापान इंटरनेशनल को.ऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए ) ने भारत में कृषि क्षेत्र के लिये अपनी परियोजनाओं के माध्यम से एक सुगम फूड नेटवर्क बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है।

ऐसी ही एक परियोजना है हिमाचल प्रदेश क्रॉप डाइवर्सिफिकेशन प्रमोशन प्रोजेक्ट जो जेआईसीए के साथ गठबंधन में चल रही है (एचपीसीडीपी.जेआईसीए प्रोजेक्ट )। सिंचाई सुविधाओं के अभाव में किसान पूरी तरह मौसम पर निर्भर थे और केवल गेहूँ और मक्का उगाते थे। मौसम से तंग आकर गांव के कई किसानों ने खेती छोड़ना शुरू कर दिया था। कुंठा और निराशा के बीच एचपीसीडीपी.जेआईसीए प्रोजेक्ट ने इन किसानों को नई उम्मीद दी जिसके अंतर्गत आधुनिक सिंचाई के लिये अवसंरचना का विकास किया गया खेतों तक पहुँचने के लिये सड़कें और कलेक्शन सेंटर बनाए गये और विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों द्वारा कृषि की तकनीकों को बेहतर बनाया गया। आधुनिक सिंचाई और कृषि क्रियान्वयन के साथ मल्चिंग शीट्स भी बनाई गईं और उपलब्ध बीजों को बेहतर किया गया। ऐसा करने से किसानों की रूचि सब्जियों और दूसरी फायदा देने वाली फसलों में बढ़ने लगी और एचपीसीडीपी प्रोजेक्ट के कारण निर्भर किसानों की आय लगभग पाँच गुना बढ़ गई। इस परियोजना के लाभार्थियों की आकलित संख्या लगभग 4320 परिवार होगी। खाद्य सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिये खाद्य की उपलब्धता, आपूर्ति और वहनीयता महत्वपूर्ण हैं। जेआईसीए का लक्ष्य स्थायी कृषि पद्धतियों के माध्यम से खाद्य की उपलब्धता, आपूर्ति श्रृंखला के स्थापित नेटवर्क के माध्यम से आपूर्ति और आय बढ़ाकर वहनीयता लाना है। जेआईसीए का भारत में लक्ष्य है एक स्वावलंबी राष्ट्र का निर्माण जो अपनी खाद्य असुरक्षा को विश्व में सबसे अधिक से घटाकर सबसे कम करे।

जेआईसीए इंडिया के चीफ रिप्रेजेंटेटिव कात्सुओ मात्सुमोतो ने कहा, कोविड.19 के प्रकोप ने खाद्य उत्पादों समेत जरूरी चीजों की आपूर्ति श्रृंखला प्रक्रिया को बाधित किया है। जेआईसीए का लक्ष्य भारत में ओडीए लोन और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के अंतर्गत अपनी कृषि एवं सिंचाई परियोजनाओं के माध्यम से कृषि की सर्वश्रेष्ठ पद्धतियों को रोपित करना और बढ़ावा देना है। इसके अलावा जेआईसीए ने सभी के लिये खाद्य सुरक्षा और किसानों के लिये स्थायी आय सुनिश्चित करने हेतु अपने प्रयास में अंतिम उपभोक्ता तक खाद्य उत्पादों की आपूर्ति को सुगम बनाया है। जेआईसीए ज्यादा लचीली खाद्य आपूर्ति प्रणाली अर्जित करने के लिये इस सेक्टर को सहयोग देता रहेगा और भारत के ज्यादा आत्मलनिर्भर बनने में योगदान देगा। कृषि क्षेत्र के लिये जेआईसीए ने टेक्निकल को.ऑपरेशन और ओडीए लोन प्रोजेक्ट्स समेत 24 परियोजनाओं को सहयोग दिया है। इस बाबत 1981-82 से अब तक 271 बिलियन जापानी येन (लगभग 19000 करोड़ रू ) दिये जा चुके हैं। यह कृषि परियोजनाएं दोहरे रूख वाली हैं. भूमि की क्षमता को इष्टतम बनाना और उत्पादन शीलता बढ़ाना तथा किसान की आय बढ़ाना। इससे निर्भर समुदायों के लिये एक स्व.स्थायी क्रियाविधि बनाने में मदद मिलती है। आकलित कुल सिंचाई क्षेत्र 1 मिलियन हेक्टेयर है और इन परियोजनाओं के लाभार्थियों की संख्या हालिया 2 दशकों में 1.1 लाख परिवारों से अधिक होगी।