हिमाचल को विकास के पथ पर अग्रसर कर आत्मनिर्भर बनाने के दावे के साथ भाजपा के पूर्व सासंद राजन सुशांत ने पेश किया तीसरा राजनीतिक विकल्प “हमारी पार्टी: हिमाचल पार्टी”

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राजधानी शिमला के वाईडब्ल्यबसीए में नए राजनीतिक दल की घोषणा करते पूर्व सासंद राजन सुशांत
राजधानी शिमला के वाईडब्ल्यबसीए में नए राजनीतिक दल की घोषणा करते पूर्व सासंद राजन सुशांत

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला। प्रदेश में एक बार फिर 2022 के विधानसभा चुनावों में जनता के पास तीसरा राजनीतिक विकल्प होगा। ये तीसरा विकल्प जनता को देने जा रहे हैं भाजपा से चार बा विधायक और एक बार सासंद रहे राजन सुशांत। अपनी बेबाकी के लिए मशहू राजन सुशांत इस बार फिर से भाजपा व कांग्रे से त्रस्त लोगों के सामने एक तीसरा राजनीतिक दल गठित कर एक नया विकल्प देने जा रहे हैं। इस तीसरे दल का नाम उन्होंने हमारी पार्टी- हिमाचल पार्टी दिया है। उनका दावा है कि आज तक प्रदेश में सत्तासीन रही कांग्रेस व भाजपा की सरकारों ने यहां की जनता से धोखा ही किया है, की ने भी प्रदेश को आत्मनिर्भर बना विकास के पथ पर आगे बढ़ाने का प्रयास नहीं किया है।

राजधानी शिमला में एक पत्रकार वार्ता के दौरान नए राजनीतिक दल के गठन की घोषणा के साथ ही सुशांत ने दावा किया है कि उनका दल प्रदेश को इसी के उपलब्ध सीमीत संसाधनों के साथ आत्मनिर्भर बना यहां व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म कर प्रदेश के नौजवानों को रोजगार उपलब्ध करवाएंगे। उन्होंने कहा कि ने चार बार विधायक और सासंद भी रहे हैं। उन्होंने कर्मचारियों की पुरानी पेंशन स्कीम के हक में अपनी पेंशन त्याग दी थी और सभी विधायकों व सासंदों से भी यही अपीली कीथी, लेकिन उनकी अपील का कोई असर नही हुआ।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में लंबित मुद्दों के साथ उनका दल आंदोलन कीराह अपनाएगा। इस क्रम में सबसे पहले पुरानी पेंशन स्कीम के लिए प्रदेशभर में एक बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा। सुशांत ने कहा कि पार्टी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था, रोजगार, पौंग बांध विस्थापित जैसे स्थानीय मुद्दों के जरिये लोगों को जोड़ने और समस्याओं का हल करने का प्रयास करेगी।

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राजन सुशांत ने कहा कि आज तक बनाई गई सभी क्षेत्रीय पार्टियों को बनाने वालों ने पार्टी का गठन खुद के अस्तित्व को बचाने के लिए किया थाष उनका जनता के मुद्दों से कोई सरोकार नही था, इसी कारण लोगों ने हर बार तीसरे विकल्प को नकार दिया। लेतकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। अगले छह महीनों ने सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकारिणियां घोषित कर ली जाएगी। उन्होंने कहा कि जीवन में किया गया संघर्ष ही मेरी ताकत है और इसी को देखते हुए उन्हें पूरी उम्मीद है कि जनता उनका साथ देगी। बता दें कि इससे पहले भी इसी तरह का प्रयास हिविंका बना पंडित सुखराम और हिलोपा को गठन कर महेश्वर सिंह ने भी किया था। यह तीसरी बार है कि किसी राजनेता ने प्रदेश में तीसरा राजनीतिक विकल्प पेश किया हो।

वाईडब्ल्यूसीए शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने प्रदेश में आज तक सत्तासीन लोगों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में आज तक जितने भी सरकारों के मुखिया रहे वे दिल्ली में बैठे अपने सम्राटों के इशारों पर सूबेदार बन काम करते रहे। दिल्ली के सम्राटों के ये सूबेदार प्रदेश का विकास कभी कर भी नहीं पाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में तेरह लाख से अधिक बेरोजगार युवा हैं, इन्हें रोजगार देने के लिए सरका की तरफ से कोई गंभीर प्रास नहीं किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐसा पहली बार है कि करुणामूलक आधार पर भी नौकरी पाने वाले भी परेशान हो आंदोलन की राह पकड़ने को मजबूर हैं।

सुशांत ने कहा कि कोल्ड स्टोरेज सरकार खुद नहीं बना रही बल्कि अडानी-अंबानी को दिए जा रहे हैं। यही नहीं, जिस सेब को बाग से 25-30 रुपये में खरीदा जा रहा है, उसे बाद में हिमाचल के लोगों को ही 100 रुपये में बेचा जा रहा है। हिमाचल में जल, वन व भूमि शक्ति है जिसमें अपार संभावनाएं हैं। लेकिन भाजपा और कांग्रेस संसाधन लुटाने में एक-दूसरे को पछाड़ने में जुटी हैं। सतलुज को प्रदेश के पहाड़ों से पानी मिलता है लेकिन हमारे बजाय उसके पानी पर हक के लिए पंजाब और हरियाणा लड़ रहे हैं। सुशांत के निशाने पर प्रदेश की वर्तमान भाजपा और पूर्व कांग्रेस सरकारों के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार भी रहे। नाम न लेते हुए युधिष्ठिर की संज्ञा दी और कहा कि जो आज की भाजपा सरकार की गलतियों पर सवाल उठा रहे हैं, उनकी गड़बड़ी सामने लाने की मंशा में ही गड़बड़ी दिख रही है।

सुशांत ने बताया कि पार्टी तीन से छह महीने में कार्यकारिणी गठित कर सूबे के हर विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी के चुनाव के लिए अभी से जुटेगी। ओल्ड पेंशन स्कीम और सीमेंट उद्योग की मनमानी के खिलाफ अगले तीन महीने में बड़े आंदोलन किए जाएंगे। उन्होंने पंचायत चुनावों में शामिल न होने की बात कही। उन्होंने कहा कि पार्टी मुद्दों पर आधारित राजनीति करेगी।