केंद्र सरकार ने एसजेवीएन को हिमाचल में दो प्रोजेक्टों को दी मंजूरीः नंद लाल शर्मा

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शिमला में अपने कार्पोरेट कार्यालय में पत्रकारों को को संबोधित करते हुए एसजेवीएनएल के सीएमडी नंद लाल शर्मा
शिमला में अपने कार्पोरेट कार्यालय में पत्रकारों को को संबोधित करते हुए एसजेवीएनएल के सीएमडी नंद लाल शर्मा

 हिमाचल में सौर उर्जा की अपार क्षमता

आदर्श हिमाचल ब्यूरो 

शिमला। भारत सरकार और हिमाचल सरकार के संयुक्त उपक्रम सतलुज जल विद्युत निगम को हिमाचल में दो जल विद्युत परियोजना को मंजूरी दे दी है। यह जानकारी एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्दलाल शर्मा ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए आज यहां दी। उन्होंने कहा कि हमीरपुर जिले के सुजानपुर में ब्यास नदी पर स्थित 66 मेगावाट धौला सिद्ध जल विद्युत परियाजना और सतलुज नदी पर 210 मेगावाट लूहरी स्टेज-1 जल विद्युत परियाजना को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को तय सीमा में पूरा किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि केंद्र ने लूहरी जल विद्युत परियोजना के लिए 1810.56 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दे दी है। यह परियोजना रन आफ द रिवर किस्म की परियोजना है। जिसमें 3.40 घंटों की पीकिंग के लिए जल भरावन होगा। इस परियोजना में करीब 2000 लोगों के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन होगा। सतलुज नदी के दायं किनारे पर एक डैम टो विद्युत गृह की योजना है जिहसमें 80 मेगावाट के दो मुख्य सूनिटे और प्रत्येक 25 मेगावाट की दो सहायक यूनिटें होगी। इस परियोजना को 62 महीनों के निर्धारित समय में पूरी की जाएगी।
सीएमडी ने बताया कि इसी प्रकार धौलासिद्ध जल विद्युत परियोजना में केंद्र सरकार ने 687 करोड़ के निवेश प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। परियोजना से सालाना 304 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। यह परियोजना 54 महीनों में पूरी की जाएगी और इससे 1000 लोगों को रोजगार के अवसर उत्पन्न होगें।

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उन्होंने कहा कि एसजेवीएन का लक्ष्य 2023 तक 5000 मेगावाट कंपनी, 2030 तक 12,000 मेगावाट कंपनी तथा 2040 तक 25,000 मेगावाट कंपनी बनने का है। एसजेवीएन की उन्नति गाथा का सभी हितधारकों को भी फायदा होगा और परियोजना क्षेत्रों के इर्द-गिर्द विकास और समृद्धि के एक नए युग का सूत्रपात होगा।  इतने पैमाने पर विद्युत परियोजनाओं का विकास देश के युवाओं के लिए और अधिक रोजगार के अवसरों की दिशा में भी योगदान देगा। एसजेवीएन को चुनौतीपूर्ण हिमालयी भू-गर्भीय परिस्थितियों में वृहद जलविद्युत परियोजनाओं के निष्पादन में गहन अनुभव है तथा 11759.31 करोड़ रुपए की वर्तमान नेटवर्थ के साथ एसजेवीएन के पास नई परियेाजनाओं के विकास के लिए इक्विटी भाग के वित्त पोषणार्थ आवश्यक वित्तीय सामर्थ्य है।

नन्दलाल शर्मा ने कहा कि एसजेवीएन की सर्वोच्च प्राथमिकता मौजूदा परियोजनाओं का निर्माण करने की है, जिसके तहत अभियोजित अनुसूची के अंदर निर्माणाधीन परियोजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जाता है, इसके अलावा जो परियोजनाएं निर्माण एवं निवेश अनुमोदन अवस्थाओं में है, उनके लिए जरूरी मंजूरियां समय पर लेने पर भी विशेष बल दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि वित्तीय सुदृढ़ता एसजेवीएन की वर्तमान अभिदत्त पूंजी 3929.80 करोड़ रुपए है जबकि अधिकृत पूंजी 7000 करोड़ रुपए है।  एसजेवीएन की वर्तमान नेटवर्थ 11759.31 करोड़ रुपए है।

उन्होंने बताया कि देश और विदेश में एसजेवीएन के 9 प्रोजेक्टों पर काम चल रहा है। जल्द ही इस लक्ष्य को हासिल किया जाएगा।
सीएमडी का कहना था कि हिमाचल में सौर उर्जा की अपार क्षमता है। वर्तमान में 5.6 मेगावाट चारंका सौर विद्युत स्टेशन गुजरात के चारंका सौर विद्युत स्टेशन में अपना पहला कमीशन किया है। उन्होंने कहा कि काजा में 100 किलोवाट सौर उर्जा संयत्र लगाने पर केंद्र सरकार से बातचीत चल रही है। उम्मीद है कि जल्द ही इस पर फैसला होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए लम्बी ट्रासंमिशन लाईन की जरूरत होगी। इसकी मंजूरी मिलने पर प्रदेश में कमीशनीग शुरू कर दी जाएगी।