आदर्श हिमाचल ब्यूरो
कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा बर्ड फ्लू का प्रकोप जारी हैं। लोगों के घरों में अब परिदें मरकर गिरने लगे हैं जिससे क्षेत्र के लोगों में दहशत का माहौल बन गया है। पौंग बांध किनारे बसे गांवों नगरोटा सूरियांए खब्बलए सुगनाड़ा और जरोट आदि गांवों में लोगों के घरों पर कई कौवे मृतक पाए गए है। कौवे मृत प्रवासी पक्षियों को खाने के बाद उड़कर झील किनारे बसे गांवों में आकर मर रहे हैं। वन्य प्राणी विभाग वेटरनेरी महकमे की जिम्मेदारी बताकर अपना पल्ला झाड़ रहा है।
हालांकि विभाग की ओर से पौंग झील में प्रतिबंध लगाया गया है। प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन्य प्राणी विभाग अर्चना शर्मा का कहना हैं कि कौवों की मौत पर कार्रवाई करने का जिम्मा पशुपालन विभाग को दिया गया है। वहीं पशुपालन विभाग पालमपुर के उपनिदेशक डॉण् संजीव धीमान ने कहा कि लोग घरों के पास किसी भी मृत कौवे या फिर कोई अन्य पक्षी को देखते हैं तो वह इसकी जानकारी जल्द पशु चिकित्सालय हो दें। । वन्य प्राणी विंग के डॉ. विपिन ने बताया कि फ्लू संक्रमित पक्षी की बीट में चार दिन से 28 दिन तक फ्लू का संक्रमण रहता है। यदि तापमान 22 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा है तो बीट में चार दिन तक वायरस रहता है। वन्य प्राणी विभाग की प्रधान मुख्य अरण्यपाल अर्चना शर्मा ने बताया कि पौंग झील में बर्ड फ्लू से प्रभावित पक्षियों पर नजर रखने को विभाग ने 55 कर्मचारियों की 10 टीमें बनाई हैं। सुरक्षा के लिए 200 पीपीई किटें मुहैया करवाई हैं।