कोरोना से मृत्यु प्राप्त कर्मचारियों के परिवार को पुरानी पेंशन दे सरकार: देविंद्र प्रेमी

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

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रोहडू। आजकल इस कोरोना काल में ड्यूटी देते हुए हमने दो महीने के अंदर लगभग पचास से ज्यादा कर्मचारियों को खोया है 2003 के पहले से जो कर्मचारी लगे थे उनके घरों में तो रोटी का प्रबंध पुरानी पेंशन होने के कारण हो जाएगा। लेकिन मई 2003 के बाद लगे या पक्के हुए कर्मचारियों के परिवारों को कर्मचारी की मृत्यु होने के अगले ही दिन न तनख्वाह मिलेगी और न जिंदगी में कभी पेंशन और जो कर्मचारी का अपना पैसा इकट्ठा हुआ था। उस पर कंपनी कब्जा कर लेगी और उसकी 100% जमा राशि में से परिवार को 20% पैसा मिलेगा और उसके 80% पैसे से कम्पनी उसके परिवार को हजार या पंद्रह सौ रु पेंशन लगा देगी l

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हम सरकार से केंद्र सरकार की 2009 की अधिसूचना को हिमाचल में लम्बे समय से लागू करने की मांग कर रहे हैं जो बाकि राज्यों में भी लागू हो चुकी है कि कर्मचारी की नौकरी के दौरान मृत्यु होने पर उसके परिवार को पुरानी पेंशन मिलेगी l इसे लागू करने में भी सरकार अभी कोई निर्णय नहीं कर रही है l दुख इस बात से होता है कि जब सरकार को फायदा हो रहा हो तो उस चीज को बैक डेट से लागू कर देती है जैसे की पुरानी पेंशन बन्द करने का बिल 2006 में लागू हुआ और केंद्र सरकार तथा कुछ राज्यों ने इसे 2004 बन्द किया और हिमाचल सरकार ने उससे भी आगे बढ़कर 15 मई 2003 से लागू कर दिया और अब जब कर्मचारियों के परिवारों को कर्मचारी की मृत्यु पर केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन 2009 की अधिसूचना के अनुसार पुरानी पेंशन दे दी है तो उसे देने में सरकार को तकलीफ हो रही है और कर्मचारी डर डर कर सभी जगह अपनी ड्यूटी दे रहे हैं कि कहीं कल हमें कुछ हो गया तो हमारे बीबी बच्चे तथा बजुर्ग भूखे मर जाएंगे और परिवार सड़क पर आ जाएगा।

शिमला जिला के पूर्व अध्यक्ष देविंद्र सिंह प्रेमी माननीय मुख्यमंत्री महोदय से विनम्र निवेदन करतें हैं कि शीघ्र ही केंद्र सरकार की 2009 की अधिसूचना को हिमाचल में लागू करें l हमें ना करोना वारियर्स का ख़िताब चाहिए और ना ही हम ड्यूटी देने से मना कर रहे हैं हमें केवल अपने परिवार की सुरक्षा की गारंटी चाहिए ताकि अगर कल हमारी मृत्यु भी हो जाए तो परिवार को पुरानी पेंशन मिल जाए और हमारे जाने के बाद परिवार को भूखा न मरना पड़े l