आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। कोरोना को भगाओ इम्युनिटी बढ़ाओ के नारे ने करौनाकाल में मनुष्य को अपने शरीर की हिफाजत काफी याद दिला दी है। जिसे जो अच्छा फार्मूला नजर आता है आजमाने से नहीं चूक रहे हैं। ऐसे में पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न नंदा की सैद्धांतिक संस्था गुलज़ारीलाल नंदा फाउंडेशन ऐसे कई शोध देश के सामने लाया है जिससे प्रकृति माध्यम, से रोगों के निदान विकल्प सामने आ सकें।
आज फिर नन्दा फाउंडेशन प्रमुख स्पेशल संडे में पाठकों दर्शको के लिए सनबाथ यानी सूर्य धुप के चमत्कार लाये हैं।
गुलज़ारीलाल नंदा फाउंडेशन चेयरमेन कृष्णराज अरुण का कहना हैकि उनके शोध में स्पस्ट हुआ हैकी देश में लोग इतने व्यस्त हैं कि उनका शरीर क्या मांग रहा है लोग बेखबर हैं कि जिससे वे स्वस्थ और मजबूत रह सकें ज्यादातर लोगों को व्यस्तताओं में पता ही नहीं हैकि सनबाथ यानी सूर्य किरणों के शरीर को क्या मिल सकता है ? जबकि वास्तविकता हैकि बड़ी संख्या में भारत के लोग विटमिन डी की कमी से पीड़ित हैं। इसके दो प्रमुख कारण हैं। पहला- बदलता पहनावा और दूसरा- सिटिंग जॉब।
तंग जींस जैसे कपड़े भी धुप किरणों की विटामिन से वंचित करते है शरीर को – दूसरी खास बात सुबह से घरों में व्यस्तता में सुबह सूर्य किरण की धुप भी नहीं ले पाते वास्तव में भारतीय पहनावे में शरीर का अधिकांश हिस्सा ढका रहता है जिस वजह से शरीर को जरूरी धूप और धूप से मिलने वाली विटमिन डी नहीं मिल पाती है। इसके अलावा इन दिनों सिटिंग जॉब का प्रचलन बढ़ गया है। लोग जिन कारों में जाते हैं वे ऐसी कार में ऑफिस आते हैं आफिस पहुंचते ही दिन भर एसी युक्त केबिन में बैठे-बैठे काम करते हैं और शाम को घर चले जाते हैं। इस लाइफ स्टाइल में उन्हें धूप से मिलने या निकलने का मौका ही नहीं मिलता।
वास्तव में गर्मी में कम से कम घर आंगन मॉर्निग वाक् सैर सपाटे में धुप 20 मिंट मिलनी ही चाहिए शरीर को जिससे कई रोग धुप किरणों से भागने लगते हैं। हम देखते हैं कि परिश्रमी मजदूर या कोई भी मेहनत कश इंसान सारा दिन धुप में मजबूत रहता है पसीना शरीर के बुरे सक्रमण अर्क निकाल देता है।
*आयुर्वेद में सनबाथ को ‘आतप सेवन’ नाम से जाना जाता है*-
समाज विज्ञानी श्री अरुण के अनुसार विटमिन डी ही होता है जो हड्डियों व जोड़ों की मजबूती और विकास के लिए जरूरी साबित करता है-सूर्य की किरणों में इतनी खास बात हैकि कि यह किरणे शरीर को मिलते ही सक्रमणों के पैदा होने की गुंजाइस नहीं रही रहती।
आंगन की सुबह की धूप में बैठकर अगर मालिस होगी तो शरीर को पुरे सप्ताह एनर्जी मिलेगी। शरीर धुप और मालिस मिलने से मुस्करा उठता है।जिसका शरीर खुश है वह रोग मुक्त होना स्वभाविक है।
गर्मी में सुबह 20 मिनट बेहद हैं वजह दोपहर में लू से बचना भी जरूरी है- घरों में ऐसी खिड़कियाँ जरूरी रखें जो धुप को अंदर आने दे जिससे तमाम कीटाणु मर सकें। घर के अंदर धूप न आने या कम आने से सैनिटेशन प्रभावित होता है यह याद रखना जरूरी है।
*ये भी है खास धूप सेकने से* –
श्री अरुण कहते हैकि यह तो सभी जानते हैं कि धूप सेंकने से शरीर को भरपूर मात्रा में विटामिन डी मिलता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है. इसके साथ ही धूप सेंकने से नींद भरपुर मिलेगी आप जब भी सोना चाहोगे।
*फंगल इन्फ़ेक्सन है तो धूप में जरूर बैठिये विषाक्त कीटाणु बगा या मार देगी*
धूप लेने से पीलिया जैसे रोग भी ठीक होते हैं इसमें कई कई सक्रमण भगाने की ताकत है। इस तरह सनबाथ का महत्व भारतीय संस्क्रति में खास है। सुबह की सूर्य नमस्कार कई तरह से हमारे जीवन को ऊर्जावान बनाती है। इसके मंत्रों में गजब की ताकत है जो मनुष्य जीवन बदल देती है जैसा कि हमारे शास्त्रों में सूर्य जगत की आत्मा है इनकी किरणों से संसार को ऊर्जा मिलती है भारत इस मामले में भाग्यशाली है हमे इसका लाभ उठाना चाहिए ताकि स्वस्थ सुखी रह सकें।