मॉनसून का कहर: प्रदेश को हुआ 400 करोड़ का नुकसान,187 लोगों की गई जान

0
7

शिमला: हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ दिनों से भारी बारिश के कारण तबाही के वह मंजर सामने आए हैं जो किसी का भी दिल दहला दे. जहां कुछ दिनों पहले ही धर्मशाला में आई बाढ़ से लाखों घरों तबाह हो गए थे वही हाल ही में किन्नौर में चट्टानों के दरकने से 9 लोगों की मौत और 1 पुल तबाह हो गया. सिर्फ यही नहीं प्रदेश में आए दिन भारी बारिश से बाढ़ और भूस्खलन जैसे हालात की वजह से प्रदेश सरकार को महज 43 दिनों में 400 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा है.

आंकड़ों के लहजे में बात की जाए तो लोक निर्माण विभाग को अब तक सबसे ज्यादा लगभग 271 करोड का नुकसान हुआ है. आईपीएच विभाग को 115 करोड़ की चपत लगी है. 39 मकान ढह चुके हैं, जिसमें से 35 मकान सिर्फ कांगड़ा के, तीन शिमला व मंडी के हैं. वहीं बिलासपुर और चंबा में एक-एक मकान को नुकसान पहुंचा है. बारिश के कहर से 48 कच्चे मकान भी मिट्टी में विलीन हो गए हैं, वहीं 62 पक्के मकानों सहित 316 कच्चे मकानों को हल्का नुकसान आया है. प्रदेश में 8 दुकानों, 6 पुलों और 340 गौशालाएं भी बाढ़ की चपेट में आई है.

यह भी पढ़ें: प्रदेश में गत सप्ताह Corona पॉजिटिविटी दर 0.8 प्रतिशत की गई दर्ज

प्रदेश में अब तक 187 स्थानीय लोंगो समेत पर्यटकों की जान जा चुकी है. जिसमें अब तक 100 मौतें सड़क दुर्घटना में हुई है, जबकि भूस्खलन से कांगड़ा में 10, किन्नौर में नौ और शिमला में दो लोगों की मौत हुई है. इनमें से 19 लोगों की जान डूबने से गई है. डूबने वालों में 8 कांगड़ा के, तीन कुल्लू ,तीन मंडी, दो बिलासपुर, एक हमीरपुर, एक लाहुलस्पीति और एक शिमला से है. मॉनसून में सांप अधिकतर बाहर निकलते हैं जिस वजह से सांप काटने से 7 मौतें हुई हैं. राज्य में अभी तक 21 लोग अपनी जान गिरने की वजह से गंवा चुके हैं वहीं चार लोग लापता चल रहे हैं. बरसात की वजह से 374 पशु-पक्षियों की भी मौत हुई है.

यह भी पढ़ें: प्रत्येक गर्भवती महिला गरिमा की हकदार है, गर्भवती महिलाओं को जमानत देनी चाहिए जेल नहीं : H.P. High Court

बता दें कि रविवार को हुआ किन्नौर हादसे के बाद से वहां पर अभी भी चट्टानों के आने की वजह से सड़क बंद है. इस पर राज्य आपदा प्रबंधन के निदेशक सुदेश मुक्ता का कहना है कि आज शाम तक सड़क खुलने की पूरी उम्मीद है. साथ ही चंडीगढ़ से तीन सदस्य सेंट्रल जियोलॉजिकल टीम भी किन्नौर आ रही है जो इस घटना का सर्वे करेगी और हादसे की वजह पता लगाने की कोशिश भी करेगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं का पहले ही पता लगाया जा सके.