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शिमला/सोलन। मस्कुलर डिस्ट्राॅफी यानी पांसपेशीय दुर्विकास एक ऐसा तांत्रिका संबंधी विकार है जिसमें प्रभावित व्यक्ति अपने दैनिक कार्यों के लिए भी पूरी तरह से दूसरों पर निर्भर हो जाता है। कोई सोच भी नहीं सकता कि ऐसा व्यक्ति मैदान में खेल भी सकता है।
लेकिन यह पेरा बोसिया नामक खेल के साथ संभव हो गया है। यह एक ऐसा खेल है जिसमें मस्कुलर डिस्ट्राॅफी से प्रभावित लोग भाग ले सकते हैं। अच्छी खबर यह है कि एकीकृत मस्कुलर डिस्ट्राॅफी पुनर्वास केंद्र, सोलन में पैरा बोसिया के लिए इस खेल के मैदान को इंडियन एसोसिएशन आॅफ मस्कुलर डिस्ट्राॅफी ने डिजाइन किया है।
पैरा बोसिया स्पोट्र्स वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष जसप्रीत सिंह धालीवाल ने आज यहां बताया कि बोसिया खेल वर्ष 1984 से पैरालोंपिक खेल के रूप में खेला जा रहा है। यह पैरालोंपिक खेलों में एक प्रतिस्पर्धी खेल आयोजन रहा है। यह खेल पूरी तरह व्हीलचेयर से चलने वाले खिलाडि़यों के लिए पैरालोंपिक खेलों में चार श्रेणियों के लिए बनाया गया है।
सोलन में 29 अगस्त, 2021 को सायं 3 बजे ऐतिहासिक बोसिया प्रशिक्षण शिविर लगाया जा रहा है। सोलन जिला की उपाुक्त कृतिका कुल्हारी इस उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगी।