शिमला : नशा मुक्त भारत अभियान को प्रभावी बनाने के लिए सभी संबंधित विभाग अपनी नैतिक जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए उपमंडल स्तर के युवाओं को नशे के जाल से दूर रखने के लिए कार्य करें. यह बात आज उपमंडलाधिकारी शिमला ग्रामीण बाबू राम शर्मा ने आज यहां नशा मुक्त भारत अभियान के तहत आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही.
उन्होंने बताया कि नशा मुक्त भारत अभियान तीन बिंदुओं पर आधारित रहेगा, जिसमें नशा करने वालों की पहचान करना, उपमंडल स्तर पर लोगों को जागरूक करना तथा नशे पर नियंत्रण करना रहेगा ताकि नशे के बढ़ते चलन पर रोक लगाई जा सके.
उन्होंने बताया कि अभियान को प्रभावी बनाने के लिए सभी विभागों की जिम्मेदारी अहम है. युवाओं को नशे के जाल से बाहर निकालने के लिए सभी विभागों द्वारा जन आंदोलन का रूप दिया जाना आवश्यक है.
उन्होंने बताया कि नशा मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें स्कूलों व कॉलेजों के विद्यार्थियों के साथ अभिभावकों को जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे. नशे का शिकार हुए व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें नशा मुक्ति केन्द्र में ले जाकर उनकी काउंसलिंग व उपचार किया जाएगा. शिक्षण संस्थानों के 100 मीटर की दूरी के अंदर सिगरेट एवं अन्य नशे के संबंध में बिक्री पर रोक लगाने के लिए समय-समय पर निरीक्षण किए जाएंगे.
उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त नशा मुक्त भारत अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से लोगों को जागरूक करने के लिए उपमण्डल स्तर पर नुक्कड़ नाटक का आयोजन, जागरूकता वाहन, पैम्फलेट, होर्डिंग, पोस्टर आदि लगाए जाएंगे.
इस अवसर पर जिला कल्याण अधिकारी राकेश शर्मा, खंड विकास अधिकारी अंकित, निशांत, बीईईओ शिमला कुसुम शर्मा एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे.