शिमला : बीते पांच वर्षों के अंतराल में आयुष्मान भारत योजना की लिस्टें अपडेट नहीं हुई है. लिस्टों में खामियां होने के कारण अनेक समृद्ध परिवार इस योजना का लाभ उठा रहे हैं जबकि पात्र परिवार इस योजना का लाभ लेने से वंचित रह गए हैं. क्षेत्र के लोगों ने आयुष्मान भारत की लिस्टें अपडेट करने की सरकार से पुरजोर मांग की है.
गौरतलब हैं कि गरीब परिवारों को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के उददेश्य से भारत सरकार द्वारा सितंबर 2018 में आयुष्मान भारत योजना आरभ की गई थी. इस योजना के तहतं जरूरतमंद परिवारों के लिए सालाना पांच लाख तक के निःशुल्क उपचार का प्रावधान किया गया था. सबसे मजेदार बात यह है कि वर्ष 2014 में प्रदेश सरकार द्वारा बीपीएल परिवारों के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना चलाई गई थी जिनके कार्ड वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर जारी किए गए थे. तदोपंरात इस योजना के सभी कार्ड कों आयुष्मान भारत योजना में तबदील किया गया था. सबसे अहम बात यह हैं कि वर्ष 2014 की जारी लिस्टें अभी तक चल रही है जिन्हें बीते सात सालों में अपडेट नहीं किया गया है. जिसके चलते ऐसे अनेक व्यक्तियों के नाम सूची में चल रहे हैं जो कुछ सालों पहले स्वर्ग सिधार चुके हैं. इसके अतिरिक्त कुछ ऐसे परिवारों के नाम सूची में शामिल हैं जो 2014 में बीपीएल में थे परंतु अब एपीएल श्रेणी में हैं. जिनके द्वारा पिछले कई वर्षो ंसे इस योजना का लाभ उठाया जा रहा है. बता दें आयुष्मान भारत योजना के तहत शिमला जिला में 47400 कार्ड बने हुए हैं जिनका वर्ष 2018 के बाद नवीनीकरण भी नहीं हुआ है. जिसमें कर्मचारी सहित असंख्य समृद्ध परिवार के नाम भी शामिल है.
जुन्गा क्षेत्र के बुद्धिजीवी वर्ग का कहना है कि आयुष्मान भारत योजना में पंचायतों द्वारा बहुत घपला किया गया है और इसका सबसे ज्यादा फायदा संपन परिवारों द्वारा उठाया जा रहा है जबकि यह योजना पूर्ण रूप में बीपीएल परिवारों के लिए कार्यान्वित की गई थी. बता दें कि क्षेत्र में अनेक निर्धन व जरूरतमंद परिवारों के नाम आयुष्मान भारत की सूची में शामिल ही नहीं है.
आयुष्मान भारत योजना की जिला समन्वयक शिमला वैशाली का कहना है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत जारी लिस्टें भारत सरकार द्वारा अपडेट करने के आदेश नहीं दिए गए है. जिस कारण अनेक पात्र परिवार इसका लाभ पाने से वंचित रह गए है. बताया कि वर्ष 2018 में जो कार्ड जारी किए गए थे वह अभी तक चल रहे हैं इनके नवीनीकरण करने बारे भी कोई सरकार के कोई निर्देश नहीं मिले हैं.