हुनर हब स्टोरी 2: फौजी की वर्दी से है बेहद प्यार, इसलिए कर रहे युवाओं को तैयार

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– धर्मशाला में फ्री में फिजिकल टेस्ट की कोचिंग दे रहे संदीप
– अभी तक 80 से अधिक युवक हो चुके है भर्ती
– वर्तमान में 60 से अधिक युवक ले रहे ट्रेनिंग
– चंबा जिला के सलूणी क्षेत्र के रहने वाले है संदीप
– संदीप धर्मशाला में उप निदेशक के कार्यालय में लिपिक पद पर है तैनात

धर्मशाला: जनून जब दिल दिमाग में राज करने लगे तो समझ लेना आप अपने लक्ष्य को भेदने में कोई भी चक्रव्यूह तोड़ा जा सकते है. ऐसा ही जनून चंबा जिला के रहने वाले संदीप कुमार को सवार है. खुद भले ही फौजी नहीं बन पाया हो लेकिन आज न जाने कितने युवकों को फौजी बनने के लिए तैयार कर रहा है. आज आपको संदीप कुमार से इस स्टोरी के माध्यम से रूबरू करवाया जा रहा है. धर्मशाला में संदीप फ्री में युवाओं को फिजिकल टेस्ट के लिए तैयारियां करवाते है. अभी तक संदीप के पास ट्रेनिंग ले चुके युवाओं में से 80 से अधिक युवा फौज में भर्ती भी हो चुके हैं. संदीप आज समाज के लिए एक प्ररेणादायक चेहरा बन गए है.

संदीप कुमार हिमाचल प्रदेश के दूर दराज जिला चंबा के भटोली गांव तहसील सलूणी का रहने वाला है. उन्होंने बताया कि पिता ब्यास देव किसान है जबकि माता गुडडो देवी गृहिणी है. बड़े भाई बिजली विभाग में सेवाएं देते है. संदीप संयुक्त परिवार से संबध रखता है. संदीप की स्कूली शिक्षा दसवीं कक्षा तक सरकारी स्कूली टिकरू जोकि चंबा में है से हुई. लेकिन पिता के पास आय इतनी अधिक नहीं थी कि आगे की पढ़ाई शहर के किसी अच्छे से स्कूल से करवा पाए. लेकिन संदीप के चाचा देसराज ने फैसला किया कि आगे की पढ़ाई धर्मशाला से करवाएंगे. उस समय संदीप के चाचा हाउसिंग बोर्ड धर्मशाला में तैनात थे और संदीप को अपने साथ ले आए. जमा दो की पढ़ाई सरकारी ब्यॉज स्कूल धर्मशाला से हुई. कॉलेज की पढ़ाई भी जीडीसी धर्मशाला से पूरी की . इसके बाद राजनीति शास्त्र में एमए की डिग्री हासिल की. संदीप ने बताया कि जब से युवाओं को फौज के प्रति ट्रेनिंग दे रहा हूं तो चाचा हमेशा मुझे प्रोत्साहित करते है . चाचा हमेशा कहते है कि स्वयं भी फिट रह रहे हो और युवाओं की मदद भी कर पा रहे हो. इसी तरह आगे बढ़ते रहो.

आर्मी में जाने का था सपना

शुरू से संदीप को आर्मी में जाने का सपना था. कॉलेज के दिनों से जहां भी भर्ती होती थी संदीप हिस्सा लेने पहुंच जाता था. लेकिन बार बार ग्राउंड से बाहर हो जाता था. 23 वर्ष की आयु तक संदीप ने पूरी मेहनत की. लेकिन फिर भी उसे सफलता नहीं मिल पाई. मगर संदीप ने मन बना लिया था भले की खुद सफल नहीं हो पाया. परंतु दूसरों को सफलता हासिल करवाने में अपनी तरफ से पूरी मेहनत करूंगा . यहीं जनून है जो संदीप को आम युवाओं से अलग बनाता आ रहा है. फिर संदीप ने युवाओं को भर्ती फ्री ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया.

वर्ष 2017 से दे रहे फ्री ट्रेनिंग

2016 में जब कॉलेज की पढ़ाई पूरी की तो उन्हीं दिनों धर्मशाला में प्रेक्टिस करता था. इस दौरान अन्य आर्मी के लिए प्रेक्टिस करने वाले युवाओं से मिलना जुलना रहता था. संदीप को उन सभी छोटी छोटी गलतियों के बारे में पता चल गया था जिनकी वजह से अक्सर वो खुद ग्राउंड से बाहर हो जाता था. फिर उसने उन युवाओं को वर्ष 2017 में ग्राउंड टेस्ट के लिए तैयार करना शुरू करवा दिया. सुबह और शाम फिजिकल टेस्ट के लिए युवाओं को ट्रेंड किया और एक साथ 20 लड़कों को ग्राउंड क्लीयर हो गया जिसमें 11 लड़कों का फौज में अंतिम चयन हुआ. लेकिन साथ में सरकारी नौकरी के लिए संदीप तैयारियां खुद भी करता रहा . वर्ष 2018 के जून माह में संदीप का चयन हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से लिपिक पद के लिए हुआ. संदीप ने फिर भी सरकारी आफिस से छुटटी होने के बाद एक समय ही युवाओं को ट्रेनिंग देने का फैसला लिया. वर्ष 2018 में कुल 60 लड़के प्रेक्टिस के लिए आते थे. जिनमें से 35 का ग्रांउड क्लीयर हुआ और इन्ही में से 27 का अंतिम चयन हुआ. वर्ष 2019 में पांच का अंतिम चयन हुआ. वर्ष 2020 में 45 लड़कों ने ग्राउंड पास किया . इसमें से 30 का मेडिकल की तैयारी कर रहे हैं. जबकि इस वर्ष कुल 60 युवा तैयारी कर रहे हैं.

कोई फीस नहीं सिर्फ फ्री तैयारी

संदीप कुमार का कहना है कि मैं हमेशा फ्री में युवाओं को ट्रेनिंग देता आया हूं और आगे भी फ्री में ट्रेनिंग दूंगा. मेरे पास काफी गरीब युवा ट्रेनिंग के लिए आते है. मैं सभी सफल युवाओं को कहता हूं कि गरीब युवाओं की मदद किया करें. ताकि कोई अपने लक्ष्य से पीछे न हटे. हिमाचल के युवाओं में काफी क्षमता है . बस उन्हें निखारने और मंच मुहैया करवाने की जरूरत है. अगर युवा फिट रहेगा तो नशे से दूर रहेगा.

अब लिखित परीक्षा की भी करवा रहे तैयारी

संदीप इस बार ट्रेनिंग लेने वाले युवाओं के लिए लिखित परीक्षा भी आयोजित कर रहे है ताकि युवाओं को पता चल सके सेना की परीक्षा कैसी होती है . उनकी तैयारी कितनी हुई और युवा अपनी तैयारियों की कमियों का आंकलन कर सके. अभी महीने में एक टेस्ट लिया जा रहा है. इसके अलावा ग्राउंड में रोजाना दौड़, लांग जंप, हाई जंप, बीम आदि के बारे में ट्रेनिंग दी जाती है.