शिमला: हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा 25 जनवरी 1971 को मिला. इससे ठीक 6 महीने और तीन दिन पहले हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी. एचपीयू की स्थापना के 51 साल तीन महीने और 17 दिन बाद अब हिमाचल प्रदेश के दूसरे राज्य विश्वविद्यालय का रास्ता प्रशस्त हुआ है. जयराम सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए सोमवार को हुई मंत्रिमंडल बैठक में मंडी में प्रदेश विश्वविद्यालय खोलने का फैसला लिया.
मंडी में राज्य विश्वविद्यालय की रूपरेखा तैयार करने को लेकर मंत्रिमंडल ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का निर्णय लिया है. इस समिति में हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी शिमला और क्लस्टर यूनिवर्सिटी मंडी के कुलपति और सचिव शिक्षा सदस्य होंगे. यह समिति मंडी में प्रदेश विश्वविद्यालय स्थापित करने की रूपरेखा तय करने का कार्य करेगी.
क्यों जरूरी है दूसरा राज्य विश्वविद्यालय
मंडी में प्रदेश विश्वविद्यालय खोलने का निर्णय ऐतिहासिक है. ऐतिहासिक इसलिए क्योंकि हिमाचल के गठन से प्रदेश में केवल एक ही विश्वविद्यालय है. 22 जुलाई 1970 को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला की स्थापना की गई थी. अब 51 साल के बाद हिमाचल में किसी नए विश्वविद्यालय की स्थापना होगी.
भौगोलिक दृष्टि से मंडी हिमाचल का केंद्र बिंदु है. मंडी में नए राज्य विश्वविद्यालय के बनने से मंडी, कुल्लू, कांगड़ा, हमीरपुर, लाहौल-स्पीति और चंबा जिलों के छात्रों को सीधे तौर पर फायदा होगा. इन जिलों के छात्रों के उच्च शिक्षा के लिए ज्यादा दूरी तय नहीं करने पड़ेगी.
दो विश्वविद्यालय होने से पीजी की सीटें भी बढ़ेंगी और छात्र आसानी से दाखिला ले पाएंगे, उन्हें निजी विश्वविद्यालय की ओर रूख नहीं करना पड़ेगा. साथ ही साथ हिमाचल के हजारों छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए दूसरे राज्यों का रुख नहीं करना पड़ेगा.
परीक्षा परिणाम में नहीं होगी देरी
नए राज्य विश्वविद्याल के गठन से छात्रों को तो फायदा होगा ही बल्कि एचपीयू से भी कार्य का अत्याधिक दबाव कम होगा. दो राज्य विश्वविद्यालय होने से परीक्षा परिणाम जैसे कामों में देरी नहीं होगी. हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियां ऐसी हैं कि पूरे प्रदेश से छात्र पढ़ाई के लिए शिमला नहीं पहुंच सकते. ऐसे में कई छात्र उच्च शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते. अब मंडी में प्रदेश का दूसरा विश्वविद्यालय खोलना जयराम सरकार का न सिर्फ मंडी जिले बल्कि शिमला के मुकाबले अन्य दूरदराज के पांच-छह जिलों के लिए एक बड़ा तोहफा है.
भौगोलिक रूप से देखें तो मंडी हिमाचल के बीच में स्थित है. प्रदेश का दूसरा विश्वविद्यालय यहां खुलने से सबसे अधिक जनजातीय क्षेत्रों के छात्र लाभान्वित होंगे. चंबा और लाहौल-स्पीति जैसे जिले जो शिमला के दूसरे छोर पर पड़ते हैं, वहां के छात्रों के लिए उच्च शिक्षा लेना और आसान हो जाएगा.