उमंग फाउंडेशन की एक और पहल, ट्रांसजेंडरों को बराबरी का मिले हक: धनंजय चौहान 

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शिमला: विख्यात ट्रांसजेंडर मानवाधिकार कार्यकर्ता धनंजय चौहान ने कहा है कि समाज को अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है. ट्रांसजेंडरों को बराबरी का हक मिलना चाहिए. हिमाचल प्रदेश में भी इस विषय पर काम करने की जरूरत है.

उमंग फाउंडेशन के ट्रस्टी संजीव शर्मा के अनुसार पंजाब विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त धनंजय ने उमंग फाउंडेशन के सप्ताहिक वेबिनार “ट्रांसजेंडरों के मानवाधिकार और चुनौतियां” में अपने साथ हुए भीषण अत्याचारों की दर्दनाक कहानी भी सुनाई. उन्होंने कहा कि इस कारण दो बार आत्महत्या का प्रयास भी किया.

धनंजय चौहान अब एक बड़ी मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं. उन्होंने फ्रांस, इटली, जर्मनी, ग्रीस, थाईलैंड और नीदरलैंड समेत अनेक देशों में मानवाधिकार सम्मेलनों में भारत का प्रतिनिधित्व किया. वह अनेक अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय संगठनों के साथ इस विषय पर काम कर रही हैं.

उनका कहना था कि परिवार, समाज और सरकार ट्रांसजेंडरों को समझने का प्रयास नहीं करते. इस बारे में उन्होंने अन्य लोगों उसके साथ मिलकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की. इस पर फैसले के बाद केंद्र सरकार एवं राज्यों ने अपनी नीतियों और नियमों में बदलाव किया. लेकिन उन पर अमल नहीं किया जाता.

धनंजय चौहान ने कहा कि सभी ट्रांसजेंडर हिजड़ा नहीं होते क्योंकि यह एक पेशे का नाम है. जबकि हिजड़ा कहलाने वाले सभी व्यक्ति ट्रांसजेंडर होते हैं. ट्रांसजेंडर बच्चों को बचपन से लेकर बड़े होने तक समाज के हर वर्ग से प्रताड़ना का शिकार बनना पड़ता है. पुलिस भी उन्हें मजाक का पात्र समझकर उनकी शिकायतों पर कार्रवाई नहीं करती.

धनंजय चौहान ने कहा की 1993 में उन्हें रैगिंग का  शिकार होने के कारण पंजाब विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी. दो बार उनके साथ सामूहिक बलात्कार भी किया गया. पुलिस ने इस बारे में रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की. बाद में उन्होंने अपना आत्मविश्वास जुटाया और पढ़ाई पूरी की. उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेक सम्मान भी प्राप्त हुए. वहां अनेक सरकारी समितियों की भी सदस्य हैं. वेबिनार में धनंजय चौहान ने प्रतिभागी युवाओं के प्रश्नों के उत्तर भी दिए.

उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों का आंकड़ा ही उपलब्ध नहीं है. इस संबंध में यहां उमंग फाउंडेशन जागरूकता का अभियान चलाएगी. मानवाधिकार जागरूकता के लिए उमंग फाउंडेशन के साप्ताहिक वेबीनार की शृंखला में यह आठवां कार्यक्रम था.

कार्यक्रम में उदय वर्मा, विनोद योगाचार्य, संजीव शर्मा और कार्तिक शर्मा ने सहयोग किया.