बैंबू आर्ट के लिए पद्मश्री सम्मान से नवाजे गए हमीरपुर के करतार सिंह, नाम हैं कई बड़े ख़िताब

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हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के करतार सिंह सौंखला को पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया है. उन्हें बैंबू आर्ट के लिए यह सम्मान दिया गया है. हमीरपुर के विकासखंड नादौन के नोंहगी गांव के करतार सिंह सौंखले को मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सम्मानित किया. सम्मान मिलने के बाद समूचे नादौन क्षेत्र में प्रसन्नता की लहर है.

दरअसल, करतार सिंह बांस का प्रयोग करके कलाकृतियां बनाते हैं. अधिकाशं कलाकृतियां उन्होंने शीशे की बोतल के अंदर बनाई है, जिसमें से भगवान शिव परिवार, राधा कृष्ण, अब्दुल कलाम, साईं बाबा सहित दुनिया की कई धरोहरों की कृतियां बनाई हैं. इसके अलावा, बोतल के बाहर भी बांस की कई ऐसी अद्भुत कृतियां बनाई है. करतार सिंह को इसके लिए हमीर गौरव, एशिया बुक ऑफ अवार्ड, इंडियन बुक ऑफ अवार्ड, सहित कई पुरस्कार मिल चुके हैं. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान उन्होंने अपनी कला को और अधिक उबारा.

चीफ फार्मासिस्ट रहे हैं करतार सिंह
करतार सिंह का बचपन उनके पैतृक गांव नादौन के गलोड़ क्षेत्र के रूटेहड़ गांव में बीता है. हायर सेकेंडरी तक की शिक्षा उन्होंने गलोड़ स्कूल से हासिल की. साल 1959 में जन्मे करतार सिंह ने बिलासपुर कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की और उसके बाद उन्होंने डी फार्मेसी की. 1986 में उनकी नियुक्ति एनआईआईटी हमीरपुर में बतौर फार्मेसिस्ट हो गई. 1987 में उनका विवाह सुनीता देवी से हुआ जो कि वर्तमान समय में कांगड़ा जिला के कूहना स्कूल में बतौर प्रवक्ता अपनी सेवाएं दे रही हैं. साल 2019 में ही करतार सिंह बतौर चीफ फार्मासिस्ट सेवानिवृत्त हुए हैं.

गत 20 वर्षों से बना रहें है कलाकृतियां
करतार सिंह ने बताया कि बचपन से ही उन्हें बांस से बनी वस्तुओं से लगाव था और गत 20 वर्षों से वह उस कला से कलाकृतियां बना रहे हैं. वह अपनी कलाकृतियां बेचते नहीं, बल्कि सहेज कर रखते हैं. अब वह सरकार की मदद से एक म्यूजियम बनाना चाहते हैं.

CM जयराम ठाकुर ने दी बधाई
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि बांस की तीलियों से कलाकृतियां बनाने वाले हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से संबंध रखने वाले करतार सौंखले जी को पद्मश्री पुरस्कार मिलने पर हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं. आपकी उपलब्धि पर हमें गर्व है. करतार जी आपकी प्रतिभा राज्य के युवाओं के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है.