बीट दी ट्रेन चैलेंज में छह साईकलिस्टों ने पौने छह घंटे में तय किया सफर

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आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला,   चंडीगढ़ ट्राईसिटी के साईकलिस्टों ने इस वर्ष अपने अनोखे अंदाज में गणतंत्र दिवस मनाया। जिसमें उन्होंने लगभग 90 किलोमीटर की माउंटेन बाईकिंग कर शिमला में समाप्त की। इस राईड की मुख्य विशेषता यह रही कि सभी साईकलिस्टों ने ब्रिटिश काल की विरासत कालका.शिमला रेलवे (केएसआर) को चुनौती देकर ट्रेन को पछाडऩे का प्रयास किया। जिसमें छह साईकलिस्टों ने पौने छह घंटे में यह सफर तय किया जबकि अन्यों को गंत्तव्य तक पहुंचने पर सात घंटे का समय लगा।इस बीट दी ट्रेन चैलेंज में चंडीगढ़ ट्राईसिटी के 12 साईकलिस्टों ने भाग लिया।

 

इस जोश भरे सहासिक अभियान में 12 वर्षीय तन्मय रावत के अलावा लक्ष्य गेरा, अदित कालिया, सुदीप रावत, अनंत, महकप्रीत, दीक्षांत जोहर, रवि शर्मा, एकता चौहान, विक्रांत शर्मा व अंकित तेवतिया तथा 59 वर्षीय नतिंदर ढिल्लों शामिल रहे। शिमला पहुंचने पर स्टेशन मास्टर प्रिंस सेठी ने चंडीगढ़ से पहुंचे साइकलिस्टों का उत्साह वर्धन करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन न केवल शरीरिक फिटनेस का संदेश देते हैं बल्कि आपसी भाईचारा भी मजबूत करतें हैं। उन्होंने साईकलिस्टों को कालका.शिमला ट्रैक के इतिहास से अवगत कराया।

आयोजक साईकलवॉक्स स्पोर्टस क्लब के फाउंडर विक्रांत शर्मा ने बताया कि इस चैलेंज को आयोजित करने का उद्देश्य न केवल गुजरते रास्तों में लोगों में देश समर्पण की भावना को जागृत करना है बल्कि युवाओं में साईकलिंग और माउंटेन बाईकिंग के प्रति लगाव पैदा करना है। उन्होंनें बताया 26 जनवरी की सुबह सभी साईकलिस्ट कालका रेलवे स्टेशन से ट्रेन छूटते ही शिमला रेलवे स्टेशन के लिये रवाना हुए। नेशनल

हाईवे से होते हुये धर्मपुर, सोलन, कंडाघाट, शोघी होते हुये छह साइकलिस्टों ने ट्रेन से पहले पहुंचने में कामयाबी हासिल की।

इसी क्लब के सदस्यों ने गत वर्ष युवाओं में नशे से दूर रहने का संदेश देती एक साईकलिंग रैली शिमला से लगभग 20 किलोमीटर दूर फागू तक की थी जबकि गत 15 अगस्त को फिरोजपुर स्थित हुसैनीवाला बार्डर में भारतीय सेना से साथ मिलकर तिरंगा फहराया था।