आदर्श हिमाचल सोलन (बद्दी):
मलपुर पंचायत के गांव मलकुमाजरा निवासी छोटू राम की 7 बकरियों की चरते समय अचानक हुई मौत से गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है। गांव के लोग अपने पशुओं को बाहर चरने के लिए भी छोड़ने से घबरा रहे हैं।जानकारी के अनुसार छोटू राम अपनी करीब 45 बकरियों को रोज की तरह चराने को के लिए चुनरी गांव तक ले गया था। अचानक उस की कुछ बकरियां नदी किनारे चरते हुए बेहोश होकर गिरने लगीं। जिसके बाद बकरियों को उठाकर व बाड़े में ले गया।
बद्दी पशुपालन विभाग के डॉक्टर को मौके पर बुलाया।डॉक्टर के पहुंचने से पहले ही एक के बाद एक बकरियां मरने लग गई थी। छोटू राम का आरोप है कि चुनरी गांव में नदी किनारे लगे उद्योग द्वारा बारिश की आड़ में जहरीला पानी छोड़ा हुआ था और जब उसकी बकरियां वहां पर चरने गई तो जहरीले पानी के साथ लगते घास को जैसे ही उन्होंने खाया और कुछ ने जैसे ही पानी पिया तो एकाएक बकरियां बेहोश होने लग गई और जब तक वह उन्हें वहां से उठा कर लाया तब तक 4 से 5 बकरियों की मौत हो गईं।
पशु पालन विभाग की टीम ने आकर जब बकरियों का इलाज किया तब तक उसकी 7 बकरियों की मौत हो गई। छोटूराम ने बताया कि अभी भी उसकी 3 बकरियों की हालत नाजुक है जो चलने फिरने में असमर्थ हैं। छोटूराम ने प्रशासन और सरकार से गुहार लगाई है कि उसका पशुपालन ही व्यवसाय है और उन्हीं से वह अपने घर की रोज की जरूरतें पूरी करता है। छोटूराम ने प्रशासन से मांग की है कि जिस उद्योग के जहरीले पानी से उसकी बकरियां मरी है उस उद्योग के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में गांव के किसी भी व्यक्ति के पशु जहरीला पानी या घास खाने से न मरे।
वही बद्दी पशुपालन विभाग के डॉक्टर शंकर दास ने बताया कि उनके द्वारा बकरियों का पोस्टमार्टम किया गया है और प्राथमिक जांच में यह लग रहा है कि बकरियों द्वारा कोई जहरीला घास खाया गया है। जिसके कारण बकरियों के पेट में गैस बनने के कारण उनकी मृत्यु हुई है। अभी रिपोर्ट आना बाकी है सभी कारणों का पता चल पाएगा। वही पंचायत प्रधान सरोज देवी ने कहा कि प्रशासन से बात करके उचित मुआवजा दिलाया जाएगा।