जलवाहकाें के नियमितीकरण में फंसा 7+4 का पेच, मांगों को लेकर मुख्यमंत्री जयराम को लिखा पत्र

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शिमला: एक बार फिर प्रदेश के स्कूलों में कार्यरत जलवाहकों को सरकार का दरवाजा खटखटाना पड़ा है। पहले कई सालों तक जलवाहक नियमित होने के समय को कम करने की मांग करते हैं जिसको देखते हुए प्रदेश सरकार ने उनकी मांग स्वीकार की और जलवा हकों के नियमित करने का समय 13 वर्ष से घटाकर 11 वर्ष कर दिया। मगर एक बार फिर जलवाहकों ने अपनी मांगों को लेकर लिखित पत्र के जरिए जय राम सरकार का दरवाजा खटखटाया है।

नियमितीकरण का समय 13 वर्ष से 11 वर्ष घटाने पर भी जलवाहक क्यों परेशान?

एक लंबे समय तक मांग और फिर सरकार का फैसला और जलवाहकों के नियमितीकरण का समय 13 वर्ष से घटाकर 11 वर्ष कर दिया गया और जनवरी 2022 में इस फैसले को लागू भी कर दिया गया। मगर साथ ही रखी गई एक शर्त, जिसके मुताबिक पहले 7 वर्ष तक जलवाहक पार्ट टाइम के तौर पर काम करेंगे और उसके बाद अगले 4 वर्ष तक उन्हें डेली वेजेस पर काम कराया जाएगा इसके बाद 11 वर्ष पूरे होने पर उन्हें नियमित भी कर लिया जाएगा।

ऊपर से देखने पर सब सामान्य लगता है मगर इसको लेकर जानकारी साझा करते हुए जलवाहक कर्मचारी प्रदेश कोषाध्यक्ष चम्पा ठाकुर बताया कि जलवाहक जो 2010 से स्कूलों में अपनी सेवा दे रहें है उनका सेवाकाल समय 12 साल होने लगा है और इन जलवाहकों को पूर्व में 8 साल के बाद पार्ट टाइम और उसके बाद डेलीवेज किया जाता था। लेकिन शिक्षा विभाग ने मार्च 2018 में स्कूलो को टाइम से ऑडर नहीं किये और दिसम्बर 2018 में, दस महीने लेट जलवाहकाें को डेलीवेज ऑडर हुए। एक तरफ 7+4 की कंडीशन और शिक्षा विभाग की इस गलती के कारण आज जलवाहक का टाइम 4 साल डेलीवेज कम्प्लीट जो मांगा गया और ऑडर लेट होने के कारण डेलीवेज का समय कम पड़ रहा, जिस बजह से जो जलवाहक 11 साल कम्प्लीट कर चुका है वो नियमित नहीं हो पा रहा है

ऐसे में जलवाहकाें का कहना है इस पॉलिसी के अनुसार अप्रैल 2009 से लेकर 2010 के जलवाहको को 12 साल से ज्यादा समय हो गया और किसी भी जलवाक को भी 11 साल मे रेगुलर होने का लाभ नही मिल पाया क्योंकि पूर्व में 8 साल पार्ट टाइम पर्ण कर डेलीवेज किया जाता रहा लेकिन 2018 में सरकार ने डेलीवेज होने बाली नोटिफिकेशन को 10 महीने देरी से लागू किया और इस बजह से जलवाहकाें को डेलीवेज होने में भी नुकसान झेलना पड़ा और अब इस कारण रेगुलर होने भी नुकसान झेल है सरकार से निवेदन है कि 7+4 की कंडीसन हटाये। और जिन जलवाहकाें के 11 साल से ज्यादा समय स्कूल में सेवा देते हो गया उन्हें जल्द से जल्द नियमित किया जाए। और इसको लेकर जलवाहक कर्मचारी संघ की ओर से शिक्षा विभाग सहित मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र के जरिए अपनी मांग भेज दी है ऐसे में अब गेंद सरकार के पाले में है कि वह लंबे समय से जूझ रहे जलवा हकों को राहत किस प्रकार देती है।