Rajasthan Budget 2022: गहलोत सरकार का कर्मचारियों को बड़ा तोहफा, फिर लागू होगी पुरानी पेंशन योजना

हिमाचल में 03 मार्च को पुरानी पेंशन बहाली के लिए होगा विधानसभा घेराव, मंडी से कर्मचारियों का शिमला पैदल कूच

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आदर्श हिमाचल ब्यूरो – Rajasthan Budget 2022

राजस्थान/हिमाचल। मुख्यमंत्री गहलोत ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू कर दिया है. अब राज्य में 1 जनवरी 2004 और उसके बाद नियुक्त सभी कर्मचारियों को नई पेंशन की जगह पुरानी पेंशन का लाभ मिल सकेगा.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य का बजट 2022-23 पेश किया है. बजट के इतिहास में ऐसा पहला मौका है जब राज्य में पहली बार राज्य का कृषि बजट (Rajasthan Agriculture Budget) अलग से पेश किया गया. वहीं बजट में सीएम गहलोत ने कई क्षेत्रों को लेकर अहम घोषणाएं की हैं और सरकार की तरफ से जन घोषणाओं का खाका भी प्रस्तुत किया गया.

 

सीएम ने बजट में युवाओं, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में अहम घोषणाएं करते हुए चिरंजीवी योजना में बीमा का विस्तार करने के साथ ही पुरानी पेंशन स्कीम को फिर बहाल कर दिया है. सीएम ने करीब 3 घंटे का बजट भाषण पढ़ा.

मुख्यमंत्री ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों को लेकर अहम ऐलान करते हुए अब सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू कर दिया है. अब राज्य में 1 जनवरी 2004 और उसके बाद नियुक्त सभी कर्मचारियों को नई पेंशन की जगह पुरानी पेंशन का लाभ मिल सकेगा. वहीं रिटायर्ड कर्मचारियों को भी पूरी पेंशन मिलने का रास्ता खोल दिया गया है. बता दें कि नई पेंशन स्कीम से कर्मचारी वर्ग लंबे समय से परेशान था जिसको लेकर समय-समय पर कई आंदोलन भी हुए हैं.

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Rajasthan Budget 2022: गहलोत सरकार का प्रदेश के कर्मचारियों को बड़ा तोहफा, फिर लागू होगी पुरानी पेंशन योजना

मुख्यमंत्री गहलोत ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू कर दिया है. अब राज्य में 1 जनवरी 2004 और उसके बाद नियुक्त सभी कर्मचारियों को नई पेंशन (new pension system) की जगह पुरानी पेंशन का लाभ मिल सकेगा.
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TV9 Hindi
Updated On – 4:14 pm, Wed, 23 February 22
Edited By: अवधेश पारीक
Rajasthan Budget 2022: गहलोत सरकार का प्रदेश के कर्मचारियों को बड़ा तोहफा, फिर लागू होगी पुरानी पेंशन योजना
विधानसभा में बजट भाषण के दौरान सीएम गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य का बजट 2022-23 पेश (Rajasthan Budget 2022-23) किया है. बजट के इतिहास में ऐसा पहला मौका है जब राज्य में पहली बार राज्य का कृषि बजट (Rajasthan Agriculture Budget) अलग से पेश किया गया. वहीं बजट में सीएम गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने कई क्षेत्रों को लेकर अहम घोषणाएं की हैं और सरकार (Gehlot government budget) की तरफ से जन घोषणाओं का खाका भी प्रस्तुत किया गया. सीएम ने बजट में युवाओं, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में अहम घोषणाएं करते हुए चिरंजीवी योजना (chiranjeevi yojana) में बीमा का विस्तार करने के साथ ही पुरानी पेंशन स्कीम (old pension scheme) को फिर बहाल कर दिया है. सीएम ने करीब 3 घंटे का बजट भाषण पढ़ा.

मुख्यमंत्री ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों को लेकर अहम ऐलान करते हुए अब सरकारी कर्मचारियों (government employee) के लिए पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू कर दिया है. अब राज्य में 1 जनवरी 2004 और उसके बाद नियुक्त सभी कर्मचारियों को नई पेंशन (new pension system) की जगह पुरानी पेंशन का लाभ मिल सकेगा. वहीं रिटायर्ड कर्मचारियों को भी पूरी पेंशन मिलने का रास्ता खोल दिया गया है. बता दें कि नई पेंशन स्कीम से कर्मचारी वर्ग लंबे समय से परेशान था जिसको लेकर समय-समय पर कई आंदोलन भी हुए हैं.

 

सरकार पर पड़ेगा 1000 करोड़ का भार

राजस्थान विधानसभा में मुख्यमंत्री गहलोत कर्मचारियों की पेंशन को लेकर वेतन कटौती का 2017 का फैसला वापस लिया है जिससे सरकार पर 1000 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ेगा. अब प्रदेश में 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त हुए कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना का लाभ ले सकेंगे.

सीएम गहलोत ने इस दौरान कहा कि, हम सभी जानते हैं सरकारी सेवाओं से जुड़े कर्मचारी भविष्य के प्रति सुरक्षित महसूस करें तभी वे सेवाकाल में सुशासन के लिए अपना अमूल्य योगदान दे सकते हैं. अतः 1 जनवरी 2004 और उसके पश्चात नियुक्त हुए समस्त कार्मिकों के लिए मैं आगामी वर्ष से पूर्व पेंशन योजना लागू करने की घोषणा करता हूं.

क्या है पुरानी पेंशन स्कीम

पुरानी पेंशन स्कीम के तहत 2004 से पहले सरकारी नौकरी ज्वाइन करने वालों को सेवानिवृत होने के बाद एक फिक्स पेंशन राशि का लाभ मिलता था जो उनकी सर्विस के समय पर ना होकर रिटायरमेंट के समय कर्मचारी की सैलरी पर तय होती थी. वहीं इस स्कीम के तहत रिटायर्ड कर्मचारी की मौत के बाद उसके परिवार वालों को भी पेंशन सुविधा का लाभ दिया जाता था.

इसके अलावा पुरानी पेंशन योजना के तहत जीपीएफ की सुविधा, जीपीएफ निकासी (रिटायरमेंट के समय) पर आयकर में छूट, ग्रेच्युटी लाभ जैसी कई सुविधाएं दी जाती थी. वहीं पेंशन के लिए वेतन से किसी भी तरह की कटौती नहीं की जाती थी. इस स्कीम के तहत सरकारी कर्मचारी को हर 6 महीने बाद महंगाई भत्ता, जीपीएफ से लोन लेने की सुविधा मिलती थी और रिटायरमेंट के बाद मेडिकल भत्ता, रिटायरमेंट के बाद मेडिकल बिलों की प्रतिपूर्ति हो जाती थी.

 

2004 के बाद से नई पेंशन व्यवस्था

बता दें कि 2004 से सरकारी नौकरी (सशस्त्र बलों को छोड़कर) ज्वाइन करने वालों को नई पेंशन स्कीम के तहत पेंशन दी जाती है. इस स्कीम में सरकार 14% का अंशदान करती है और कर्मचारी की सैलरी से हर महीने 10 फीसदी कटौती करके भी अंशदान जोड़ा जाता है. इस स्कीम के तहत निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं होती है और यह पूरी तरह शेयर बाजार व बीमा कंपनियों पर निर्भर होती है. वहीं पारिवारिक पेंशन की सुविधा भी नहीं मिलती है.

 

हिमाचल में 03 मार्च को पुरानी पेंशन बहाली के लिए होगा विधानसभा घेराव, मंडी से कर्मचारियों का शिमला पैदल कूच

 

हिमाचल में भी ओल्ड पेंशन स्कीम का मुद्दा लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। हिमाचल प्रदेश के विभिन्न विभागों में तैनात कर्मचारी बुधवार को मंडी के ऐतिहासिक सेरी मंच से पैदल शिमला की ओर निकल पड़े हैं। तीन मार्च को शिमला पहुंचकर कर्मचारी विशाल प्रदर्शन करेंगे। सेरी मंच पर कर्मचारियों का जुनून देखते ही बना।

नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने बताया कि पुरानी पेंशन की बहाली पर प्रदेश सरकार के ढुलमुल रवैये से परेशान सरकारी कर्मचारी भारी रोष के चलते राजधानी शिमला के लिए पैदल मार्च करने को मजबूर हैं। कर्मचारी बिलासपुर जिला मुख्यालय होते हुए 3 मार्च को शिमला पहुंचेंगे और वहां पर विधानसभा का घेराव कर पुरानी पेंशन बहाली के लिए धरना प्रदर्शन किया जाएगा। कर्मचारियों की पदयात्रा नेशनल हाईवे होकर ही जाएगी। इस दौरान उनके साथ कर्मचारी संगठन व अन्य संगठन भी जुड़ते जाएंगे। यह एक ऐतिहासिक धरना प्रदर्शन रहेगा।