शिमला। प्रदेश में विधानसभा सत्र का आज महज़ दूसरा दिन है मगर पक्ष और विपक्ष के बीच गहमागहमी चरम पर है। मौजूदा भाजपा सरकार का यह आखरी बजट सत्र है इसलिए पक्ष और विपक्ष दोनों पूरी शक्ति के साथ सियासी चक्रव्यूह रचने में लगे हुए हैं। हिमाचल विधानसभा में वीरवार को प्रश्नकाल के बाद विधायकों की जासूसी का मामला उठा। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने सरकार पर विधायकों की जासूसी का आरोप लगाते हुए कहा कि पेगासस क्या मिला, इन्होंने PSO भी पेगासस बना लिए। सर्विलेंस अपराधियों का होता है। विधायकों का नहीं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा दिए गए PSO के माध्यम से विधायकों की जासूसी करवाई जा रही है। एक अधिकारी का PSO को मैसेज आता है। इसमें पूछा जाता है कि विधायक की लोकेशन क्या है? वह कहां जा रहा है? क्या कर रहा है। इस तरह की जासूसी को नेता प्रतिपक्ष ने विधायकों के विशेषाधिकार का हनन बताया है।
मुकेश अग्निहोत्री ने CM की और इशारा करते हुए कहा कि आपको सत्तापक्ष के विधायकों पर भी विश्वास नहीं रहा। जिस भी अधिकारी ने विधायक की जासूसी का मैसेज किया है उस पर कार्रवाई की जाए।नेता प्रतिपक्ष ने ऊना के कांग्रेस विधायक सतपाल रायजादा का मामला उठाते हुए भी कहा कि रायजादा के पास PSO नहीं हैं। इसलिए उनके स्टाफ को ही बोल दिया कि वह विधायक की जानकारी देते रहें। रायजादा ने कहा कि इस तरह से विधायक की रैकी न की जाए।
मुख्यमंत्री बोले, अपना सोर्स बताएं, अगर सही होगा तो करेंगे कार्यवाही
विधानसभा अध्यक्ष को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एसएलए की लोकेशन पहले भी पता करते रहे हैं। पहले भी पूछा जाता रहा है कि आपकी लोकेशन कहाँ है। नेता प्रतिपक्ष के इन आरोपों को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सरकार द्वारा विधायकों की जासूसी के कोई आदेश नहीं दिए गए। उन्होंने कहा कि विधायक को जिस पर विश्वास होता है, वहीं PSO दिया जाता है। अनेक बार विधायकों को काले झंडे दिखाए जाते हैं, उनकी सुरक्षा के लिए सूचना ली जाती है।
मुख्यमंत्री ने साफ किया कि सरकार की तरफ से पुलिस या सीआईडी या अन्य किसी भी विभाग को MLA की लोकेशन जानने के निर्देश नहीं दिए गए हैं। यह बात गैर जिम्मेदाराना है और इसकी कोई जरूरत भी नही। जानकारी किसी मूवमेंट या कार्यक्रम की ली जा सकती है क्योंकि एसएलए जनता के चुने हुए प्रतिनिध है और इनकी सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है।