शिमला पहुंची यूक्रेन की दो छात्राएं, भावुक हुए अभिभावक… अभी भी फंसे लोगों का आंकड़ा बड़ा

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शिमला: ऑपरेशन गंगा के तहत लगातार हिंदुस्तानी छात्रों की घर वापसी लगातार जारी है और खुशी की बात है की हिमाचल के यूक्रेन में फंसे लोगों की घर वापसी का आंकड़ा भी बड़ा है। आज हिमाचल के करीब 25 छात्र-छात्राएं यूक्रेन से दिल्ली रोमानिया के रास्ते से पहुंचे हैं । जिनमें जिला शिमला के 2 छात्राएं भी शामिल थी जो देर शाम दिल्ली से वोल्वो बस की माध्यम से शिमला पहुंचे हैं शिमला पहुंचने पर उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि वे यूक्रेन के वेस्टर्न रीजन में बुकोवेरियन ईस्टेट यूनिवर्सिटी में पढ़ाई बीएपीएस की चौथे सेमेस्टर की पढ़ाई कर रही है लेकिन वहां के हालात इतने खराब नहीं है जितने की ईस्टर्न रीजन में है उन्होंने कहा है कि यूक्रेन और रूस के बीच भले ही लड़ाई चली है लेकिन वेस्टर्न रीजन में इसका प्रभाव नहीं देखा जा रहा है यूक्रेन से शिमला लौटी छात्रा कशिश शर्मा और ओशिमा ने बताया कि भारत सरकार के प्रयास के चलते यूक्रेन में भारत के राजदूत और वहां की सरकार लगातार फंसे भारतीय छात्रों को वापिस सुरक्षित लाने का प्रयास कर रही है उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट तक लाने के लिए बसों में इंडिया का झंडा लगाया जा रहा है। झंडा लगाने के बाद बसों को वहां की सेना भी चेकिंग के लिए नहीं रोक रही है उसके बाद एयर इंडिया की फ्लाइट से दिल्ली के लिए उड़ान भरी जा रही है। भारत का झंडा देखने के बाद प्राथमिकता के आधार पर छात्रों को निकाल ला जा रहा है।

घर वापसीसे राहत मगर अब डिग्री की चिंता

कशिश ने बताया कि वह ठियोग की है। यूक्रेन में वह एमबीबीएस के चौथे समेस्टर की छात्रा है। उन्होंने बताया कि अब उन्हें डिग्री की चिंता है हालांकि इस बात की खुशी भी है कि वह सकुशल वापिस लौट आई है।

ठियोग की रहने वाली आशिमा ने कहा कि जहां वह थे वहाँ हालात ठीक है। कीव सहित कुछ जगहों में हालात काफी खराब है। उन्होंने कहा कि वीडियो देख कर डर लगता था। खुशी इसबात की है कि सकुशल घर लौट आये। वह एमबीबीएस फर्स्ट ईयर की छात्रा है। घर आ गए हैं अब डिग्री भी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में पढ़ाई का माहौल अच्छा है और एक्सपोज़ अच्छा है इसलिए वहां पढ़ाई करने की सोची।

सस्ती पढ़ाई के चलते गए यूक्रेन

आशिमा  ने बताया कि यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई हिमाचल के निजी कॉलेजों से सस्ती है। उन्होंने कहा कि नीट क्लियर नहीं हुआ तो यूक्रेन गई।