शिमला: स्वास्थ्य मानव की सबसे बड़ी पूंजी होती है और एक स्वास्थ्य मानव ही प्रगति और समृद्धि का सूत्रधार बन सकता है इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना और भी ज्यादा आवश्यक हो जाता है स्वास्थ्य की बात करें तो मानव शरीर के प्रत्येक भाग के लिए स्वास्थ्य का महत्व है और उन्हें स्वच्छ रखने का दायित्व भी मानव का है 20 मार्च को प्रत्येक वर्ष विश्व मौखिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है जिसका उद्देश्य है कि लोगों में मुंह से जुड़ी स्वास्थ्य संबंधी जानकारियों को पहुंचाया जा सके और लोगों को मुंह के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जा सके।
इस विषय में अधिक जानकारी देते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य प्रवक्ता ने कहा प्रत्येक वर्ष 20 मार्च को वर्ल्ड ओरल हेल्थ डे मनाया जाता है। मुंह किसी व्यक्ति के शरीर का दर्पण है और शरीर के सामान्य स्वास्थ्य और कल्याण को दर्शाता है। इसलिए, यह दिन मौखिक स्वास्थ्य और मौखिक स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। अच्छे मौखिक स्वास्थ्य का सामान्य स्वास्थ्य, कल्याण और जीवन की गुणवत्ता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। विश्व मौखिक स्वास्थ्य दिवस एफ.डी.आई. वर्ल्ड डेंटल फेडरेशन द्वारा आयोजित किया जाता है और इसमें 130 से अधिक देशों में गतिविधियों के साथ दुनिया भर के राष्ट्रीय दंत चिकित्सा संघों द्वारा अभियान चलाये जाते हैं। यह दिन 20 मार्च, 2013 को शुरू किया गया था और यह मौखिक स्वास्थ्य व मौखिक रोगों की रोकथाम के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक साल के लंबे अभियान के शुभारंभ का प्रतीक है। यह जानकारी देते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि वर्ष 2022 के लिए वर्ल्ड ओरल हेल्थ डे की थीम– Be Proud of Your Mouth for your happiness and well-being. (अपनी खुशी और भलाई के लिए अपने मुंह पर गर्व करें।) प्राचीन मिस्र और चीनी ग्रंथों से पता चलता है कि संस्कृतियों ने दशकों से अच्छी मौखिक स्वच्छता बनाए रखने के महत्व को बनाए रखा है। साही की चोंच, मछली की हड्डियों, या पंखों जैसे आदिम उपकरणों के उपयोग से लेकर पेड़ की छाल के थोड़े उन्नत उपयोग तक, किसी न किसी रूप में, सभी संस्कृतियों में मौखिक स्वास्थ्य आवश्यक रहा है।
मुंह को रखे स्वच्छ और इन बातों का रखें खास ख्याल
मुंह के स्वास्थ्य (ओरल हेल्थ) का ध्यान रखना हम सभी के लिए बहुत ही जरूरी है। हम में ज्यादातर लोगों को लगता है कि महज सुबह-शाम ब्रश कर लेना ही ओरल हेल्थ के लिए काफी है, लेकिन यह सिर्फ ओरल हेल्थ की महज एक शुरुआत है। हर साल 20 मार्च को वर्ल्ड ओरल हेल्थ डे मनाया जाता है। जिसका मकसद लोगों को ओरल हेल्थ के प्रति जागरूक करना है। इसके प्रति लापरवाही कई बड़ी समस्याओं की वजह बन सकती है। लेकिन कुछ सुझावों पर अमल करें तो आपके दांत स्वस्थ बने रह सकते हैं। अगर हम दांतों और मसूड़ों की सफाई अच्छी तरह से नहीं करते हैं, तो इससे कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं। उदाहरण के तौर पर दांतों की सफाई ना करने से मुंह से बदबू आना, मसूड़ों में दर्द होना, कैविटी की समस्या जैसी कई अन्य समस्याएं होने लगती हैं। इसके अवाला अगर इन छोटी-छोटी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया, तो कई और भी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
हममें से ज्यादातर लोग डेंटिस्ट के पास तभी जाते हैं, जब उन्हें दांतों से संबंधित किसी तरह की कोई समस्या होती है, लेकिन इसी समस्या से बचे रहने के लिए साल में कम से कम दो बार डेंटिस्ट के पास चेकअप के लिए जरूर जाएं और दांतों की क्लीनिंग भी करवा लें। दिन में कम से कम एक बार दांतों के बीच फ्लॉस या इंटर-प्रॉक्सिमल ब्रश का इस्तेमाल करें। ऐसा इसलिए कि भोजन के कण या बैक्टीरिया दांतों के बीच जमा हो जाते हैं। फ्लॉस न करने की स्थिति में मसूड़ों में सूजन होने की आशंका होती है।
मौखिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए ध्रूमपान व तम्बाकू का सेवन न करें। तम्बाकू सेवन से न सिर्फ दांतों की चमक कम होती है, बल्कि इससे मसूड़ों में ब्लड सर्कुलेशन भी कम होता है। इस वजह से मसूड़ों से संबंधित बीमारियों हो जाती है। इससे बचना ही सही रहता है। अपने आहार में मीठी चीज़ों की मात्रा एकदम कम कर दें और अगर खा रहे हैं तो उसके बाद दांतों की सफाई जरूर करें। इससे भी बैक्टीरिया के पनपने की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है।
स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि हिमाचल के सभी ज़िलों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 22 दन्त चिकित्सा क्लिनिक स्थापित किये गए हैं | प्रदेश में संचालित मुस्कान योजना के अंतर्गत 83 मुस्कान क्लीनिक्स में 65 वर्ष व इससे अधिक आयु की बुज़ुर्गों को मुफ़्त कृत्रिम दाँतों की सुविधा प्रदान की जा रही है |