शिमला: हिमाचल प्रदेश के निजी संस्थानों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए उद्योगपतियों व कंपनियों की मदद ली जाएगी। निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने उद्योगों के साथ मिलकर विद्यार्थियों की जॉब प्लेसमेंट को लेकर एक नई पहल करने की योजना बनाई है। बुधवार को आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) अतुल कौशिक और सदस्य प्रो. कमलजीत सिंह ने एपीजी शिमला विश्वविद्यालय में निजी विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इस विशेष बैठक में हिमाचल प्रदेश के तीन सरकारी विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि और बारह निजी विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल अतुल कौशिक की अध्यक्षता में हुई इन विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों व जॉब प्लेसमेंट समन्वयकों के साथ हुई इस कांफ्रेंस में अध्यक्ष ने निजी विश्वविद्यालयों व निजी कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों के लिए जॉब प्लेसमेंट को लेकर प्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तुत किए गए सुझाबों और जॉब प्लेसमेंट प्रबंधन पर गहन विचार व चर्चा की गई ताकि विद्यार्थियों को पढ़ाई पूरी करने के पश्चात रोजगार प्राप्त करने में दिक्कत न हो। अध्यक्ष मेजर जनरल अतुल कौशिक ने सभी निजी शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों व प्रसाशन को छात्र जॉब प्लेसमेंट की सुविधाओं को कैंपस में अपलब्ध करवाने को कहा और इसके लिए शिक्षण संस्थानों में अलग से एक सशक्त जॉब-प्लेसमेंट एजेंसी और कैरियर काउंसलिंग सैल होना अनिवार्य है और इस दिशा में छात्रों का सही ढंग से पंजीकरण व रिकॉर्ड होना चाहिए ताकि ट्रांसपरेंसी के साथ पासआउट विद्यार्थियों को कंपनियों, उद्योगों के साथ उनकी योग्यता, निपुणता और पास कोर्स व डिप्लोमा के हिसाब से कैंपस में ही जॉब फेस्ट व मेघा जॉब ड्राइव आयोजित करवाया जाए और अच्छी कंपनियों के साथ तालमेल और संप्रेषण बैठाया जाए और जॉब प्लेसमेंट के पश्चात विद्यार्थियों का फीडबैक लेना चाहिए। मेजर अतुल कौशिक ने कहा कि निजी शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों द्वारा सुझाए गए सुझाबों पर अमल भी होना चाहिए और सभी शिक्षण संस्थानों को छात्र-जॉब प्लेसमेंट के लिए मिलजुलकर काम करना है और अपनी-अपनी जिम्मेदारियों को निभाना है ताकि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर, स्वरोजगार और पब्लिक-सेक्टर और निजी सेक्टर में जॉब हासिल करने के लिए निपुण भी बनाना है। सभी निजी शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों ने विद्यार्थियों की जॉब प्लेसमेंट को लेकर अपने-अपने सुझाब दिए। बहुत से प्रतिनिधियों ने कहा कि स्वास्थ्य, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी जैसे कोर्सेज पढ़े विद्यार्थियों का जॉब-प्लेसमेंट आसानी से हो जाता है लेकिन दूसरे ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें रोजगार के ढेरों अवसर हैं और इस दिशा में सरकार भी प्रयासरत है लेकिन जागरूकता की कमी और काउंसलिंग के अभाव में सरकार की योजनाएं छात्रों तक नहीं पहुंच पाती हैं। उन्होंने सुझाब दिया कि स्वरोजगार के लिए कई स्टार्टअप्स हैं जो रोजगारपरक तो हैं ही बल्कि बेरोजगारों को रोजगारी प्रदान करने में सक्षम भी हैं। प्रतिनिधयों ने सुझाब दिया कि कृषि क्षेत्र में इस तरह की हिमाचल प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार की कई योजनाएं संचालित हैं लेकिन जागरूकता की कमी, काउंसलिंग की कमी के चलते विद्यार्थियों को जानकारी नहीं होती है। इस विषय पर अध्यक्ष अतुल कौशिक ने कहा कि इस दिशा में शिक्षण संस्थान, छात्र- काउंसलिंग टीम, कंपनियों, उद्योगों, लोगों, मीडिया और सरकार के साथ संप्रेषण को सशक्त करना है। कौशिक ने कहा कि स्किल डेवलपमेंट होना जरूरी है और शिक्षा प्रोडक्ट-निर्माण, गुणवत्तापूर्ण के साथ रोजगार प्रदान करने वाली भी हों। अध्यक्ष मेजर जनरल अतुल कौशिक ने जॉब-प्लेसमेंट के लिए सभी निजी शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों की एक विशेष टास्क-फोर्स बनाने को कहा जिसमें जॉब प्लेसमेंट के लिए सभी को जिम्मेदारी सौंपी गई है और ऑनलाइन ऑफलाइन तरीके से नियामक आयोग, संस्थानों, विद्यार्थियों और कंपनियों के साथ तालमेल बनाए रखने को कहा जिसमें सभी के सहयोग की अपेक्षा है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी चाहे किसी भी संस्थान से है जॉब प्लेसमेंट करवाना सभी शिक्षण संस्थानों का साझा प्रयास होना चाहिए। मेजर जनरल अतुल कौशिक ने कहा कि इसी अप्रैल सप्ताह से जॉब-प्लेसमेंट पर ठोस रणनीति बनाए जाने को कहा और जॉब प्लेसमेंट से संबंधित और जॉब प्लेसमेंट छात्रों के साथ उद्योगों, कंपनियों को आयोग की वेबसाइट के साथ संस्थानों की वेबसाइट से लिंक किया जाएगा ताकि विद्यार्थियों की समय समय पर जॉब इंटरव्यू ऑनलाईन और कैंपस प्लेसमेंट की जानकारी मिलती रहे और उनका जॉब प्लेसमेंट रिकॉर्ड के साथ विद्यार्थियों के फीडबैक भी मिलते रहें। अध्यक्ष अतुल कौशिक ने कहा कि बहुत ही जल्द आगामी मई महीने में एक व्यापक मेगा जॉब ड्राइव हिमाचल प्रदेश में होने जा रहा है जिसमें हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनाओं बारे विद्यार्थियों को अवगत करवाएंगे ताकि घर द्वार पर रोजगार के अवसर प्रदान हो सके। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के दूरवर्ती क्षेत्रों के विद्यार्थियों की उद्योगों, कंपनियों और सरकार की ओर से चलाई जा रही स्वरोजगार योजनाओं के बारे मालूम नहीं होता है तो इस ओर मीडिया की भूमिका, शिक्षण संस्थानों को छात्रों की काउंसलिंग कर स्थानीय संसाधनों को कैसे रोजगार से जोड़ें इस बारे उन्हें निपुण करना है और उद्योग के साथ भी जोड़ना है। उन्होंने सभी प्रतिनिधियों के सुझाबों को ध्यान में रखकर जॉब-प्लेसमेंट को बेहतर करने को कहा और कहा कि निजी क्षेत्र में रोजगार की कमी नहीं है लेकिन स्किल होने के बाबजूद जागरूक न होने और सही कॉउंसलिंग न होने पर कुछ विद्यार्थियों को जॉब नहीं मिलती या वे अपना स्वरोजगार करने में भी असमर्थ होते हैं। नियामक आयोग के अध्यक्ष अतुल कौशिक ने बताया कि निजी संस्थानों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाना हमारी प्राथमिकता में है और दिशा में निजी शिक्षण संस्थानों की अहम भूमिका। इसके लिए सही तरीके से उद्योगपतियों का सहयोग लिया जाएगा। औद्योगिक घरानों को शिक्षण संस्थानों में जॉब फेयर लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। उद्योगों की जरूरत के हिसाब से पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को इंटरनशिप के लिए वहां भेजा जाएगा।
अध्यक्ष ने बताया कि निजी शिक्षण संस्थानों में रोजगार के अवसर पैदा करने वाले कोर्स भी शुरू करने को कहा गया है। इसके लिए उद्योगपतियों से उनकी जरूरतों को लेकर पूछा जा रहा है।