जेओए (IT) की स्क्रीनिंग परीक्षा में नकल मारने के मामले में अब तक दो युवकों समेत 7 लोग गिरफ्तार

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सुंदरनगर: हाल ही में संपन्न जय हो ए (आई टी) की परीक्षा भी विवादों की भेंट चढ़ गई जब सुंदरनगर के कॉलेज से पेपर लीक समेत नकल मारने का मामला सामने आया जिसने भर्ती प्रक्रियाओं को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। तो वहीं मामले को लेकर प्रशासन भी हरकत में है। जानकारी के मुताबिक मामला सामने आने के बाद पुलिस प्रशासन ने अब तक 2 अभ्यार्थियों समेत 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। वही आपको बात दे की पुलिस ने 10 मोबाइल फोन भी जब्त किए हैं।

जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि इस मामले में जिन सात आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है वह आपस में रिश्तेदार तथा जान पहचान वाले बताए जा रहे हैं। सभी आरोपी जिला मंडी के बल्ह, सुंदरनगर,धर्मपुर तथा सरकाघाट के रहने वाले हैं अभी तक पुलिस की जांच के अनुसार सारे प्रकरण के पीछे एक निजी स्कूल में कार्यरत असिस्टेंट प्रोफेसर व क्लर्क ने मुख्य भूमिका निभाई है। इस मामले को लेकर सोमवार के दिन पुलिस अधीक्षक मंडी शालिनी अग्निहोत्री ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए बताया की इस दौरान किसी भी तरह का मोबाइल फोन इस्तेमाल नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि पहले आरोपियों ने सीटिंग प्लान को लीक किया, रोल नंबर शुरू होने का पता लगाया और उसके बाद आरोपियों ने सीरीज का अंदाजा लगाया और प्रश्नपत्र को परीक्षा शुरू होने से ठीक पहले फोन के माध्यम से लीक कर दिया।

दरअसल जेओए की परीक्षा को लेकर सुंदरनगर के एमएलएसएम कालेज में बनाए केंद्र में छंटनी परीक्षा में बैठा एक युवक परीक्षा में पूछे गए सवालों के जवाबों के साथ रविवार के दिन पकड़ा गया था। परीक्षा में युवक को जवाबों के उत्तर उपलब्ध करवाने वाले उसके सहयोगी को भी पुलिस ने हिरासत में लिया था। जेओए की छंटनी परीक्षा के उत्तर लीक होने के सनसनीखेज खुलासे के बाद पुलिस ने सभी प्रश्नपत्रों और उत्तर पुस्तिकाओं को रविवार के दिन सील कर दिया था।

सर्विस सलेक्शन कमेटी द्वारा प्रदेश स्तरीय जेओए की परीक्षा के लिए जिला मंडी के सुंदरनगर के एमएलएसम कालेज में दो केंद्र बनाए गए थे। दोनों केंद्रों में कुल 680 परीक्षार्थी परीक्षा देने पहुंचे हुए थे। 11 बजे शुरू हुई इस छंटनी परीक्षा को देने पहुंचे एक युवक ने डयूटी पर कालेज प्राध्यापक से शौच जाने का आग्रह किया। शौच से आने के बाद सवालों के उत्तर देते समय प्राध्यापक को उस पर नकल मारने का संदेह हुआ तो उन्होंने अपने उच्च अधिकारी को इसकी सूचना दी।