गायत्री मंत्र का जाप उससे मिलने वाले प्रभाव और स्वास्थ लाभ

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  1. गायत्री मंत्र को सूर्य देव की उपासना के
    लिए सबसे सरल और फलदायी मंत्र माना गया हैं। यह
    मंत्र चारों वेदों से मिल कर बना है। यह मंत्र निरोगी
    जीवन के साथ-साथ यश, प्रसिद्धि, धन व ऐश्वर्य देने
    वाली होती है। लेकिन इस मंत्र के साथ
    कई युक्तियां भी जुड़ी है।
    गायत्री मंत्र के 24 अक्षरों में अनेक ज्ञान−विज्ञान
    छिपे हुए हैं।
    गायत्री साधना द्वारा आत्मा का शुद्ध स्वरूप प्रकट होता
    है और अनेक ऋद्धि−सिद्धियां परिलक्षित होने लगती
    हैं।
    सबसे बड़ा मंत्र गायत्री मंत्र

    गायत्री को ब्रम्हास्त्र कहा गया है क्योंकि
    कभी किसी की
    गायत्री साधना निष्फल नहीं
    जाती। इसका प्रयोग कभी भी
    व्यर्थ नहीं होता है।
    गायत्री मंत्र विद्या का प्रयोग भगवान की
    भक्ति, ब्रह्मज्ञान प्राप्ति, दैवीय कृपा प्राप्त करने
    के साथ ही सांसारिक एवं भौतिक सुख-सुविधाओं, धन
    प्राप्त करने की इच्छा के लिए भी किया जा
    सकता है। गायत्री मंत्र का जाप हमेशा रुद्राक्ष
    की माला से ही करना चाहिए। तो आइये
    जाने गायत्री मंत्र के स्वास्थ्य लाभ।
    1. दिमाग को शांत रखता है

    ॐ के साथ इस मंत्र का उचारण किया जाता है, जो एक
    तरह की ध्वनि पैदा करती है जिससे
    दिमाग शांत होता है। इसके जप से दिमाग ही
    नहीं शांत होता है बल्कि पढ़ने वाले बच्चो का
    कंसंट्रेशन भी अच्छा रहता है।
    2. इम्यूनटी को बढ़ता है

    गायत्री मंत्र का उच्चारण करने से हमारी
    ज़ुबान, होंठ, तालू और वोकल कॉर्ड पर असर होता है। साथ
    ही इसका जप लगातार करने से हमारे दिमाग के साथ
    साथ हमारे हाइपोथैलेमस पर भी असर होता है।
    जिससे हमारे शरीर की ऊर्जा
    बढ़ती है।
    3. एकाग्रता और सीखने की छमता
    बढ़ती है

    विद्यार्थियों के लिए यह मंत्र बहुत लाभदायक है। रोजाना इस मंत्र
    का एक सौ आठ बार जप करने से विद्यार्थी को
    सभी प्रकार की विद्या प्राप्त करने में
    आसानी होती है। विद्यार्थियों को पढऩे में
    मन नहीं लगना, याद किया हुआ भूल जाना,
    शीघ्रता से याद न होना आदि समस्याओं से निजात मिल
    जाती है।
    4. सांस लेना की क्रिया में सुधार

    गायत्री मंत्र के उचारण से आपकी शुवास
    क्रिया बेहतर होती है। इसके रोज़ जप करने से
    फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है, साथ
    ही शरीर में आक्सीजन का
    प्रवाह भी बढ़ता है।
    5. हृदय को स्वास्थ रखता है

    गायत्री मंत्र का जप आपके फेफड़ों के साथ साथ हृदय
    को भी स्वास्थ रखता है। इसके नियमित उचारण से
    हृदय की गति पर फर्क पड़ता है, हृदय
    की गति तेज़ होने से शरीर में रक्त
    प्रवाह तेज़ होता है जिससे शरीर स्वास्थ रहता है।
    6. तंत्रिकाओं की कार्यप्रणाली में सुधार

    जब हम गायत्री मंत्र का उचारण करते हैं तो इससे
    हमारी जीभ, होंठ, वोकल कॉर्ड और उसे
    जुड़े हुए सारे अंगों में एक तरह का कंपन पैदा होता है।
    इसी कंपन से हमारी तंत्रिकाओं को ताकत
    मिलती है जिससे हमारी तंत्रिकाएं स्वास्थ
    रहती हैं।
    7. तनाव से बचाता है

    अगर आपको किसी भी तरह का तनाव
    रहता है या हो चुका है तो गायत्री मंत्र का जप करें।
    इससे जप करने से आपका दिमाग़ शांत होगा और इम्यून सिस्टम
    ठीक रहेगा। साथ ही इसके लगातार जप
    करने से यह आपको आने वाले तनाव से भी बचाएगा।
    8. दिमाग को मज़बूत और अवसाद को दूर रखता है

    गायत्री मंत्र का जप करने से दिमाग की
    एकाग्रता बढ़ती है जिससे इंसान सब कुछ अच्छे से याद
    रख पता है, और अपनी दिन भर के काम अच्छे से कर
    पता है। साथ ही यह अवसाद से भी दूर
    रखता है गायत्री मंत्र के उचारण से शरीर
    में पॉजिटिव एनर्जी होती है जिससे
    शरीर किसी भी तरह के
    अवसाद बचा रहता है।
    9. त्वचा में चमक लाता है

    गायत्री के जप से हमारे चहरे की त्वचा
    में ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है, और त्वचा से विषाक्त पदार्थ
    निकल जाते हैं जिससे त्वचा में चमक आती है और
    त्वचा कई गुना निखार जाती है।
    10. श्वास-रोग से छुटकारा दिलाता है

    गायत्री मंत्र का जप करते वक़्त लंबी और
    गहरी सांस लेनी और छोड़नी
    पड़ती है जिससे फेफड़ों को मज़बूती
    मिलती है। और श्वास-रोग जैसे दामे को नियंत्रण रखने
    में मदद मिलती है।