योग फेस्ट आयोजित कर छात्रों और शिक्षकों को बताया योग का महत्व

आदर्श हिमाचल ब्यूूरो

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शिमला, मई  एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कला एवं मानविकी विभाग की ओर से विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. कुशा पंडित की अगुवाई में विश्वविद्यालय में एक दिवसीय योग फेस्ट का आयोजन किया गया। इस योग फेस्ट में योग प्रचारिका, लेखिका, योग शिक्षिका व योग विशेषज्ञ डॉ. सोनिका सूद बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कर विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों को योग के महत्त्व, तनाव मुक्त जीवन व योग से स्वास्थ्यपूर्ण, आध्यात्मिक ज्ञान जैसे तमाम विषयों की जानकारी दी और विभिन्न योगासनों के लाभ बताए।

डॉ. सोनिका सूद ने कहा कि योग करने से व्यक्ति हमेशा के लिए शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ बन जाता है। इसके तमाम फायदे हैं। योग फेस्ट में में विश्वविद्यालय के छात्रों को योग का प्रशिक्षण दिया गया। डॉ. सोनिका ने छात्रों को विस्तृत रूप से योग व आसनों के लाभ बताए। छात्रों को बेहतर स्वास्थ के लिए महत्वपूर्ण सुझाव और सलाह भी दिए, जैसे व्यक्ति को दिन की शुरुआत कैसे करनी चाहिए।

इसके अलावा पवन मुक्त आसन सीरीज, प्रज्ञा योग सीरीज, शशाक आसन, भुजंग आसन, एक पद आसन, वृक्ष आसन, सुख आसन, अनुलोम विलोम, नाड़ीशोधन प्राणायाम व भ्रामरी प्राणायाम के बारे में भी छात्रों को विस्तार से जानकारी दी गई।

योग फेस्ट में विश्वविद्यालय के सभी विभागों के शिक्षकों ने हिस्सा लिया। शिविर के दूसरे सत्र में योग विषय की पढ़ाई कर रहे छात्रों द्वारा विश्वविद्यालय के अन्य छात्रों के लिए व्यक्तित्व परिष्कार पर एक सेमिनार का आयोजन भी किया गया। डॉ. सोनिका सूद ने छात्रों को व्यक्तित्व व चरित्र निर्माण विषय की बारीकियों से अवगत कराया। उन्होंने छात्रों से कहा कि हमें पहले स्वयं को सुधारना चाहिए। सकारात्मक सोच के साथ अपनी स्वयं की राय बनाएं और योग से तनाव मुक्त हों।इसी से व्यक्तित्व का विकास होता है।

योग फेस्ट में एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. रमेश चौहान विशेष अतिथि रहे। कुलपति चौहान ने छात्रों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि योग के नियमित अभ्यास से शारीरिक और मानसिक दोनों स्तर पर फायदा मिलता है। कुलपति रमेश चौहान ने कहा कि योग स्वास्थ्य से जुड़ा अभिन्न अंग है और यह भारतीय संस्कृति का भी विशेष अंग है। कुलपति चौहान ने कहा कि योग विद्या इतनी पुरानी है जीतनी पुरानी भारतीय वैदिक संस्कृति। उन्होंने कहा कि योग के महत्त्व हमारे ऋषि-मुनियों और बाद में कई भारतीय आदर्श पुरषों जैसे स्वामी विवेकानंद ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पश्चिम देशों को भी योग के महत्त्व और इसे जीवनचर्या में ग्रहण करने का सुझाब दिया था और आज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से आज विश्व के कई देशों में योग को लोग अपने जीवन में अपना रहे हैं।

 

चौहान ने कहा कि छात्रों को नियमित तौर पर योग करना चाहिए ताकि अच्छे स्वास्थ्य के साथ वे मानसिक तनाव से भी मुक्त रहें और अपनी पढ़ाई पर खूब मन लगा पाएंगें। कुलपति चौहान ने कहा कि योग करने वाले को योग आध्यात्मिक की ओर ले जाता है और सभी प्रकार के दुःखों से निजात पाता है। योग विषय की पढ़ाई कर रही नेहा और अंजलि ने भी विभिन्न योगमुद्रा व आसनों पर प्रस्तुति दीं।

योग फेस्ट के अंत में डॉ. कुशा पंडित ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया जिसमें उन्होंने मुख्य अतिथि व योग विशेषज्ञ डॉ. सोनिका सूद और कुलपति प्रो. डॉ. रमेश चौहान द्वारा योग के महत्त्व और तनाव मुक्त जीवन जीने बारे दिए प्रशिक्षण व स्वस्थ रहने के लिए विभिन्न योग आसनों बारे छात्रों और शिक्षकों को प्रेरित करने के लिए धन्यवाद किया। इस योग फेस्ट में एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के शैक्षणिक अधिष्ठाता डॉ. अनिल कुमार पाल, अधिष्ठाता वाणिज्य डॉ. नील सिंह, विश्वविद्यालय के मुख्य सलाहकार इंजीनियर सुमन विक्रांत, अधिष्ठाता डॉ. रोहिणी धड़ेला, कुलसचिव बलराम झा, अधिष्ठाता डॉ. रेहान खान, अधिष्ठाता डॉ. बबिता चंदेल और विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक, कार्यकारी अधिकारी, प्रबंधन अधिकारीनोएडा समेत अन्य लोग मौजूद थे।