सुंदर नगर: बीएसएल परियोजना बीबीएमबी सुंदरनगर में कार्यरत मुखय अभियंता संजीव दत्त शर्मा और उपमुखय अभियंता वीके मीणा के कंधों के ऊपर बीएसएल परियोजना का कार्यभार है। इस बीएसएल प्रोजेक्ट की सुरक्षा एवं रखरखाव मेंटेनेंस की जिम्मेदारी उक्त प्रबंधकों के पास है और नहर की रखरखाव झील के रखरखाव एवं उसकी पर्याप्त मेंटेनेंस साफ सफाई के लिए जो सरकारी कर्मचारी और पार्ट टाइम कर्मचारी तैनात किए हैं। उनका उपयोग परियोजनाओं के आलाधिकारी अपनी कोठियों में अपने निजी कार्यों में लगाए जाते हैं। जबकि नियमों के तहत सरकारी कर्मचारी पार्ट टाइम कर्मचारी को बीबीएमबी प्रबंधन इस्तेमाल कर रहा है और हर महीने बीबीएमबी को लाखों रुपए का चूना लग रहा है। जोकि अनूचित है। मु य अभियंता संजीव दत्त शर्मा के सरकारी आवास में तीन सिक्योरिटी गार्ड, तीन कुक, 3
पार्ट टाइम वर्कर, दो माली सहित कुल 11 कर्मचारी तैनात हैं। जबकि
उपमु य अभियंता वीके मीणा के सरकारी अवकाश आवास पर तीन पार्ट टाइम वर्कर, एक कुक सहित कुल 4 कर्मचारी तैनात हैं। अधीक्षण अभियंता हेड क्वार्टर कश्मीर सिंह ठाकुर के पास 3 लोग पार्ट टाइम, एक कुक समेत 4 कर्मचारी हैं। इसी तरह एक्सयईन सत्य प्रकाश शर्मा पास चार कर्मचारी तैनात हैं। जबकि एक्सयईन चंद्रमणि शर्मा के पास तीन कर्मचारी सरकारी आवास में तैनात है। इसी तरह से अन्य बीएसएल परियोजना के अधिकारियों के सरकारी आवासों में जांच पड़ताल की जाए। तो वहां पर भी इतनी ही तादाद में छोटे तबके के कर्मचारी जिसमें चाहे पार्ट टाइम वर्कर या अन्य सरकारी कर्मचारी जी हजूरी करने और निजी कार्य को अंजाम देने में तैनात किए गए हैं। जिससे एक ओर तो जहां परियोजना का कार्य पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है। जगह जगह पर इन दिनों गाद निकासी का कार्य युद्ध स्तर पर है। तो सिल्ट निकासी की पाइप जगह जगह से लीकेज हो रही है। पूरा जलाशय में गंदगी भरी पड़ी है और चारों ओर अनावश्यक पौधे बीएसएल परियोजनाके दायरे में उगे हुए हैं। जहां पर आए दिन आवारा पशुओं के चराने के दौरान गिरने के सिलसिले भी जारी है। सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर बीएसएल परियोजना में नाममात्र का ही प्रबंधन किया गया है। इस बारे में बीएसएल परियोजना सुंदरनगर के मु य अभियंता सुनील दत्त शर्मा का कहना है कि जो भी सरकारी कर्मचारी या पार्ट टाइम वर्कर परियोजना में रखे गए हैं। वह परियोजना के रखरखाव प्रबंधन और व्यवस्था के लिए ही तैनात किए गए हैं। किसी भी सरकारी आवास में अधिकारियों और कर्मचारियों की निजी कार्यों के लिए तैनात नहीं किए गए हैं। अगर ऐसा इस तरह का है तो मामले की जांच करके कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृति न हो सके।