पंजाब ने नीली रावी की पैडिगरी सिलैक्शन स्कीम में देशभर में तीसरा स्थान किया हासिल 

Cabinet Minister---GURMEET SINGH KHUDDIAN
Cabinet Minister---GURMEET SINGH KHUDDIAN

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

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चंडीगढ़। पंजाब के पशु पालन, डेयरी विकास और मछली पालन मंत्री स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा कि राज्य ने नीली रावी की पैडिगरी सिलैक्शन स्कीम में देश भर में से तीसरा स्थान हासिल किया है। इस देसी नस्ल को सूबे में प्रफुलित करने के लिए नीली रावी भैंसों की पैडिगरी सिलैक्शन स्कीम चलाई जा रही है।

 

स. गुरमीत सिंह खुड्डिया ने कहा कि यह बड़े सम्मान वाली बात है क्योंकि पंजाब ने नीली रावी भैंसों की पैडिगरी सिलैक्शन स्कीम में देश में से तीसरा स्थान हासिल किया है। इसके साथ ही सूबे ने मुराह नस्ल की भैंसों की प्रोजनी टैस्टिंग स्कीम में पांचवा और साहीवाल गाय की प्रोजनी टैस्टिंग स्कीम में 6वां स्थान हासिल किया है।

 

उन्होंने बताया कि पंजाब ने मुराह प्रोजनी टैस्टिंग प्रोजैक्ट का लक्ष्य पहले ही हासिल कर लिया है, जो साल 2024 में पूरा किया जाना था। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं का मुख्य उद्धेश्य इन तीनों ही नस्लों की अधिक दूध देने की सामथ्र्य रखने वाली भैंसों और गऊओं में से उच्च स्तरीय नस्ल के सांड़ पैदा करना था।

 

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डेयरी व्यवसाय के साथ जुड़े किसानों के कल्याण संबंधी मुख्यमंत्री स. भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की वचनबद्धता को दोहराते हुए स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि राज्य सरकार ने लम्पी स्किन के फैलाव को रोकने के लिए अब तक सूबे में गायों  को गोट पौक्स वैक्सीन की कुल 25 लाख ख़ुराकें दी जा चुकी है।

 

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि पशुओं को गलघोटू बीमारी से बचाने के लिए सूबा स्तरीय अभियान के अंतर्गत टीके लगाए जा रहे है और सूबे में मुंहखुर की बीमारी की रोकथाम के लिए वैक्सीन लगाने के लिए जल्दी ही विशेष अभियान चलाया जाएगा।

 

उन्होंने आगे बताया कि राज्य ने वच्छियां/ कट्टियां पैदा करने के लिए सैकस्ड सीमन के 75, 000 टीके भी खऱीदे है जिससे किसानों की आमदन में बढ़ौतरी  करने के इलावा नर की संभाल पर होने वाले खर्चों को घटाया जा सके। सूबे के सभी पशु अस्पतालों/ डिस्पैंसरियों में यह टीके पहले ही सस्ते दरों पर उपलब्ध करवाए जा चुके है जिसका उदेश्य भविष्य में आवारा पशुओं की समस्या से निपटने में किसानों की सहायता करना है।

 

पशु पालन, डेयरी विकास और मछली पालन विभाग के प्रमुख सचिव विकास प्रताप ने बताया कि विभाग की तरफ से चलाए जा रहे इन तीन प्रोजैक्टों प्रोजनी टैस्टिंग मुराह, प्रोजनी टैस्टिंग साहीवाल और पैडिगरी सिलैक्शन नीली रावी के अंतर्गत विभाग के सीमन स्टेशन रोपड़ और नाभा में उच्च नसल के कट्टे/ वच्छे स्पलाई किए जा रहे है और अब तक सूबे और पूरे भारत के सीमन स्टेशनों को 536 वच्छे/ कट्टे स्पलाई किए जा चुके है। किसानों के 6 महीने से 2 साल तक के नसली वच्छों/ कट्टों की खरीद 6500 से 65000 रुपए प्रति नर के हिसाब के साथ की जाती है।