आदर्श हिमाचल ब्यूरो

 

शिमला। भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान में 06 से 08 अक्तूबर 2023 तक “भारतीय भाषाओं के अंतरसंबंध” विषय पर त्रिदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ किया गया। डॉ. सुभाष सरकार, माननीय शिक्षा राज्य मंत्री, भारत सरकार इस संगोष्ठी के मुख्य अतिथि रहे। इसके बाद कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ सुभाष सरकार, माननीय केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री, भारत सरकार ने उदघाटन भाषण दिया और संस्थान की नई प्रकाशित की गयी पुस्तकों का विमोचन भी किया। उन्होने अपने उदघाटन वक्तव्य की शुरुआत विभिन्न भारतीय भाषाओं में नमस्कार शब्द के उच्चारण के साथ किया और कहा कि प्राकृतिक सुंदरता से भरे इस प्रदेश में ऐसे विश्वस्तरीय ज्ञान कोश संस्थान का होना एक अलग ही अनुभूति प्रदान करता है। इस संस्थान को मानविकी और समाजशास्त्रों के विषयों के लिए अंतर्राष्ट्रीय संस्थान बनाए जाने की बात भी कही।

 

 

उन्होंने कहा कि भारत बहुभाषी राष्ट्र है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भारतीय भाषाओं और विशेषकर मातृभाषाओं को शिक्षण-प्रशिक्षण का माध्यम बनाने पर बल दिया गया है और इस दिशा में विभिन्‍न भारतीय भाषाओं के अवलोकन बिंदु से भारतीय भाषाओं की आपसी एकता पर विचार विमर्श प्रस्तावित है। इस दिशा में कई कार्य चल रहे हैं, जैसे शब्दकोश निर्माण, पाठय सामग्री का निर्माण, नौकरियों की परीक्षाओं में भारतीय भाषाओं का समावेश आदि। इस संगोष्ठी में हुए विचार विमर्श से इन प्रयासों का मार्ग प्रशस्त होगा।

 

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संगोष्ठी का शुभारंभ  दीप प्रज्वलन के साथ किया गया जिसके बाद संस्थान के निदेशक प्रो. नागेश्वर राव ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया । स्वागत भाषण के बाद संगोष्ठी के संयोजक प्रो. सत्यकाम, समकुलपति, इग्नू नई दिल्ली, ने “भारतीय भाषाओं के अंतरसंबंध ” का विषय प्रवर्तन किया। उन्होने कहा कि इस संगोष्ठी के आयोजन का उद्देश्य ‘भारतीय भाषाओं के परस्पर संबंध को प्रगाढ़ता प्रदान करना है। यह संगोष्ठी भारतीय भाषाओं का ‘सम्मिलन’ साबित हो, यही प्रयोजन है।यह भारतीय भाषाओं की नई पहचान, अस्मिता और इनकी आंतरिक संरचना,  बाह्य बनावट और विचारात्मक समन्वय का एक प्रयास है।

 

 

संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि पधारे डॉ सुभाष सरकार, माननीय शिक्षा राज्य मंत्री, भारत सरकार और संगोष्ठी में भाग लेने आए सभी विद्वानों व प्रतिभागियों को साँय हिमाचल प्रदेश की समृद्ध लोक कला व संस्कृति से अवगत करवाया गया। जिसके लिए हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के संगीत विभाग से संगीत प्राध्यापक डॉ टी.सी. कौल और उनके शिष्यों को प्रस्तुति हेतु विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। इस संगोष्ठी में संस्थान के शासी निकाय की अध्यक्षा प्रो. शशिप्रभा कुमार, उपाध्यक्ष प्रो. शैलेंद्र राज मेहता, संस्थान के निदेशक प्रो. नागेश्वर राव, श्री बी. आर. शंकरानन्द संगठन मंत्री भारतीय शिक्षण मण्डल, प्रो. माधव कौशिक अध्यक्ष साहित्य अकादमी, नई दिल्ली और देश के जाने माने विद्वान भाग ले रहे हैं जो अगले तीन दिनों तक उपर्युक्त विषय पर चर्चा करेंगे।