आदर्श हिमाचल ब्यूरो
सोलन। उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) का मुख्य उद्देश्य जन सहभागिता के माध्यम से समग्र स्वच्छता सुनिश्चित बनाना है। मनमोहन शर्मा गत दिवस स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उपायुक्त ने कहा कि केवल अपने परिवेश की सफाई कर हम स्वच्छ नहीं कहला सकते। उन्होंने कहा कि समग्र स्वच्छता के लिए न केवल नागरिकों को स्वच्छता के प्रति जागरूक बनना होगा अपितु पर्यावरण संरक्षण एवं ठोस तथा तरल कचरा निष्पादन के विषय में सरकार के प्रयासों को सम्बल प्रदान करना होगा। इस मिशन का लक्ष्य गांवों में स्वच्छता, शौचालय, शिक्षा, स्वास्थ्य तथा पेयजल व्यवस्था जैसी मूलभूत सुविधाओं का निर्माण करके ग्रामीण परिवेश को विकसित करना है।
मनमोहन शर्मा ने कहा कि ग्रामीण परिवेश में निजी शौचालय के निर्माण के पश्चात अब सार्वजनिक स्थान पर शौचालय की सुविधा, ठोस एवं तरल कचरे का उचित निष्पादन तथा मल निकासी की व्यवस्था पर भी कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत ज़िला की समस्त ग्राम पंचायतों को ओडीएफ प्लस किया जा चुका है। उन्होंने सरकार के दिशा-निर्देशानुसार ज़िला सोलन के समस्त गांव को भी ओडीएफ प्लस की मॉडल श्रेणी में लाने के विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए।
बैठक में जानकारी दी गई कि 16 अक्टूबर तक 546 सामुदायिक स्वच्छता परिसरों का निर्माण किया जा चुका है। शेष 495 सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। बैठक में अवगत करवाया गया कि सोलन जिला में प्लास्टिक कचरा निष्पादन इकाई सोलन विकास खंड की ग्राम पंचायत बड़ोग, कंडाघाट विकास खंड की ग्राम पंचायत चायल, धर्मपुर विकास खंड की ग्राम पंचायत धर्मपुर, कुनिहार विकास खंड की ग्राम पंचायत कुनिहार तथा नालागढ़ विकास खंड की ग्राम पंचायत दभोटा में स्थापित की जाएगी ताकि प्लास्टिक कचरा का उचित निष्पादन हो सके।
ठोस अपशिष्ट और गंदे पानी के उचित प्रबंधन के लिए 2281 गांव कवर किए जा चुके हैं। इसी तरह जिला के 2245 गांव को ओडीएफ प्लस किया जा चुका है तथा शेष बच्चे गांव को भी ओडीएफ प्लस की श्रेणी में लाने के लिए विशेष प्रयास किया जा रहे हैं।