एनडीसीटी नियमों में संशोधन: परीक्षण लाइसेंस और बीए/बीई अध्ययन प्रक्रिया अब और सरल

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

नई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशों के तहत औषधि और नैदानिक अनुसंधान क्षेत्रों में व्यापार सुगमता को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नई औषधि एवं नैदानिक परीक्षण (एनडीसीटी) नियम-2019 में व्यापक संशोधन प्रस्तावित किए हैं, जिन्हें 28 अगस्त को भारत के राजपत्र में प्रकाशित किया गया, सरकार ने इस संबंध में जन सुझाव भी आमंत्रित किए हैं। इन प्रस्तावित संशोधनों का उद्देश्य परीक्षण लाइसेंस और जैवउपलब्धता/जैवसमतुल्यता (बीए/बीई) अध्ययनों से जुड़ी प्रक्रियाओं को सरल, तेज़ और पारदर्शी बनाना है, प्रस्तावित संशोधनों की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं|

परीक्षण लाइसेंस प्रक्रिया में बदलाव:
अब अधिकांश दवाओं के परीक्षण लाइसेंस के लिए लाइसेंसिंग प्रणाली की जगह सूचना प्रणाली अपनाई जाएगी। इसका अर्थ है कि आवेदकों को अब लाइसेंस का इंतजार नहीं करना होगा, बल्कि केवल केंद्रीय लाइसेंसिंग प्राधिकरण को सूचना देना पर्याप्त होगा। उच्च जोखिम वाली कुछेक श्रेणियों को इससे अलग रखा गया है साथ ही, परीक्षण लाइसेंस की वैधानिक प्रक्रिया का समय 90 दिन से घटाकर 45 दिन कर दिया गया है।

बीए/बीई अध्ययन के लिए अनुमति सरल:
जैवउपलब्धता/जैवसमतुल्यता अध्ययनों की कुछ श्रेणियों को अब पूर्व लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी। ये अध्ययन केवल अधिसूचना या सूचना प्रस्तुत करने के आधार पर शुरू किए जा सकेंगे।

50% तक कम हो सकते हैं लाइसेंस आवेदन
इन सुधारों से लाइसेंस आवेदनों की संख्या में करीब 50% तक की कमी आने की संभावना है, जिससे अनुसंधान की प्रक्रिया और तेज होगी। इससे दवाओं के परीक्षण और निर्माण की प्रक्रिया में लगने वाला समय घटेगा और नियामक अनुमोदन शीघ्र मिल सकेगा।

सीडीएससीओ को मिलेगी राहत, निगरानी प्रणाली होगी मजबूत
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) इन संशोधनों के बाद अपने मानव संसाधनों का अधिक प्रभावी उपयोग कर सकेगा। इससे नियामक निगरानी की दक्षता और प्रभावशीलता दोनों में सुधार होगा।

फार्मा सेक्टर को मिलेगा बढ़ावा
सरकार का यह कदम भारत को नैदानिक अनुसंधान का वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योग को प्रतिस्पर्धी बढ़त मिलेगी और देश में अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों को नया आयाम मिलेगा।