शिमला। धर्मशिला में रैली को संबोधित करते हुए डॉ. दीदी के नाम से मशहूर पद्मश्री डॉ. क्षमा मेत्रे ने कहा कि “जब नशे को खेल, शिक्षा अथवा राष्ट्र निर्माण के क्रियाकलापों की दिशा में मोड़ दिया जाता है, तब यह व्यक्ति एवं सामाजिक विकास की कुंजी बनती है।”
शिमला, सामाजिक विषयों को आगे बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभाने वाले अरनी विश्विद्यालय (एयू) ने हाल ही में “नशे को ना कहें” और महिला सशक्तिकरण की वकालत करने के दोहरे लक्ष्य के साथ दो दिवसीय बाइक रैली का आयोजन किया। अरनी विश्वविद्यालय के चांसलर श्री विवेक सिंह के नेतृत्व में आयोजित इस रैली में 100 बाइक सवारों सहित व्यक्तियों के विभिन्न समूह की सक्रिय भागीदारी देखी गई, जिनमें से 30 महिलाएं शामिल थीं। रैली में बड़ी संख्या में जम्मू-कश्मीर से छात्र और शिक्षकों ने भी भाग लिया।
इस कार्यक्रम में कश्मीरी फैकल्टी की मेहर उन निसा, डॉ. नेहा सलारिया, सुश्री मोनिका ठाकुर, डॉ. गुरविंदर सिंह के साथ-साथ फैकल्टी सदस्य श्री मयंक शर्मा और छात्र कुणाल, शीरन, गुलशन और तौसीफ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए इसे सफलतापूर्वक आयोजित किया।
गौरतलब है कि नशीली दवाओं को ना कहने और महिला सशक्तीकरण पर जोर देने वाली रैली ने सामुदायिक समर्थन को बढ़ाने और मजबूत सामाजिक संदेशों को घर-घर पहुंचाने के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया। कुल प्रतिभागियों में से शामिल लगभग एक तिहाई महिला राइडर्स की सक्रिय भागीदारी ने लैंगिक समानता और समावेशिता के प्रति एयू की प्रतिबद्धता को जाहिर किया।
रैली, चंडीगढ़ से शुरू होकर एक प्रतीकात्मक यात्रा पर निकली, जिसका समापन खटकर कलां गांव में हुआ, जो भारत के स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के सम्मान में अपने स्मारक के लिए प्रसिद्ध है। इस रैली की अगुआई कर रहे श्री विवेक सिंह ने मादक पदार्थों के सेवन का मुकाबला करने में सामाजिक मूल्यों और सामूहिक पहल के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि, “बाइक रैली एक समाज के रूप में हमारे द्वारा संजोए गए मूल्यों को मजबूती से याद दिलाने का कार्य करती है। सकारात्मक संदेशों को बढ़ाने और हमारे देश के नायकों का सम्मान करने के लिए समुदायों को एक साथ आते देखना हर्ष की अनुभूति देता है।”
आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला । राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास एवं जनशिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में जनजातीय सलाहकार परिषद के सदस्यों...