आर्ट ऑफ लिविंग संस्था ने गुरु तत्व के प्रति कृतज्ञता के लिए तत्पर

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

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शिमला । गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर आर्ट ऑफ लिविंग संस्था ने गुरु तत्व के प्रति कृतज्ञता के लिए शिमला के राममंदिर में गुरु पूजा का आयोजन किया । इस मौके पर साध्वी अमृता और वेदाचार्यों ने गुरु पूजा और रुद्राभिषेक किया । आर्ट ऑफ लिविंग संस्था की ओर से गुरु पूर्णिमा पर गुरु तत्व के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए गुरुपूजा आयोजित की। यह जानकारी देते हुए आर्ट ऑफ लिविंग की मीडिया प्रभारी तृप्ता शर्मा ने गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के इस पावन अवसर पर हमें उन सभी को अपना आभार व्यक्त करने का मौका है जिन्होंने भी हमें किसी भी रूप में ज्ञान दिया है ।

Art of Living organization ready to express its gratitude towards Guru Tattva

 

साध्वी अमृता ने कहा कि एक शिक्षक शिक्षा देते हैं लेकिन गुरु दीक्षा देते हैं। गुरु आपको जानकारियों से नहीं भरते बल्कि वे आपके भीतर जीवन शक्ति जागृत करते हैं। गुरु की उपस्थिति में आपके शरीर का कण कण जीवंत हो जाता है। उसी को दीक्षा कहते हैं। दीक्षा का अर्थ केवल जानकारी देना नहीं है, इसका अर्थ है बुद्धिमत्ता का शिखर प्रदान करना। उन्होंने कहा कि जबतक जीवन में विवेक नहीं उतरता, सहजता नहीं पनपती सुर प्रेम नहीं बहता तब तक हमारा जीवन अधूरा रहता है। हमारे जीवन में विवेक, प्रज्ञा, सहजता और प्रेम तभी आता है जब जीवन में ज्ञान हो, हम अंतर्मुखी हों और हमारा मन शांत हो वही गुरु तत्व है। हमारा जीवन ही गुरु तत्व है। अपने जीवन पर प्रकाश डालिए। आपने जो भी सही या गलत किया है, उन अनुभवों से जीवन ने आपको बहुत कुछ सिखाया है। यदि आप अपने जीवन से नहीं सीखेंगे, तो इसका अर्थ है कि आपके जीवन में गुरु नहीं हैं।

अपने जीवन को देखिए और जो ज्ञान जीवन ने आपको दिया है, उसका आदर कीजिए।गौरतलब है कि ब्रह्मसूत्र, महाभारत, श्रीमद्भागवत और अट्ठारह पुराण जैसे अद्भुत साहित्यों की रचना करने वाले महर्षि वेदव्यास जी का जन्म आषाढ़ पूर्णिमा को हुआ था और उनका जन्मोत्सव गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर सत्संग का आयोजन भी किया जिस जिसमें सत्संग टीम ने गुरु को समर्पित भजन गाकर पूरे माहौल को गुरूमयी बना दिया ।

इस पूरे कार्यक्रम का आयोजन बिंदु ठाकुर,सोनिया मिनोचा, रवि सूद और अमित शर्मा ने किया ।