आदर्श हिमाचल ब्यूरों
सोलन| शूलिनी विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान एवं व्यवहार विज्ञान केंद्र द्वारा विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता को लेकर विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की गईं। इन आयोजनों का उद्देश्य आत्महत्या जैसे संवेदनशील विषय पर समय पर हस्तक्षेप और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को रेखांकित करना रहा है। इस कार्यक्रम की शुरुआत नारा लेखन, पोस्टर निर्माण और कविता प्रतियोगिता से हुई, जिसमें छात्रों की 60 से अधिक रचनात्मक प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं और प्रतिभागियों ने आत्महत्या रोकथाम के संदेश को संवेदनशीलता और सृजनात्मकता के साथ प्रस्तुत किया। इस अवसर पर पूरे विश्वविद्यालय परिसर में रिबन बैज वितरित किए गए और स्वयंसेवकों ने छात्रों व स्टाफ के साथ संवाद कर जागरूकता संदेश प्रसारित किए।
इस दौरान कुलाधिपति प्रो. प्रेम कुमार खोसला ने कार्यक्रम स्थल का दौरा किया और प्रतिभागियों के प्रयासों की सराहना की और सुबह का सत्र दोपहर 12:30 बजे सम्पन्न हुआ। इसी के साथ शाम को विश्वविद्यालय द्वारा एक जागरूकता पदयात्रा का आयोजन किया गया, जिसमें 100 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। यह यात्रा पाइन कोर्ट, रिसेप्शन ब्लॉक ए होते हुए द मॉल तक पहुंची, जहाँ विद्यार्थियों ने नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से आत्महत्या रोकथाम का संदेश जनमानस तक पहुँचाया, इस दौरान फ्लैशकार्ड वितरित किए गए और छात्र-छात्राओं ने नारे लगाकर आम लोगों को जागरूक किया। पदयात्रा का समापन सोलन के चिल्ड्रन पार्क में हुआ, जिसके पश्चात प्रतिभागियों के लिए जलपान की व्यवस्था की गई। शूलिनी विश्वविद्यालय का यह प्रयास मानसिक स्वास्थ्य को लेकर समाज में संवेदनशीलता और संवाद की संस्कृति को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।