भाविता जोशी। सोलन
प्रदेश की सबसे संवेदनशील नगर परिषद बद्दी में पार्षदों की खटपट और लंबे समय से चला आ रहा विवाद नप की जनता के लिए सिरदर्द बन गया है। कभी बैठकों में कोरम न पूरा होने और कभी पार्षदों की अनुपस्थिति के चलते लोगों के भवनों के नक्शे व अन्य कई तरह की अनुमतियां नप की फाईलों में दबकर रह गई।
पहले आपसी खींचतान रही और अब अविश्वास प्रस्ताव पर पिछले 15 दिन से खींचतान चल रही है। जिसके चलते अब कांग्रेसी पार्षदों ने नप अध्यक्षा व उपाध्यक्ष को कुर्सी से हटाने के लिए दोबार अविश्वास प्रस्ताव डीसी सोलन को भेजा है। पहले 2 फरवरी 4 कांग्रेसी व 1 भाजपा को बाये बाये कर चुके पार्षद ने नप अध्यक्षा व उपाध्यक्ष की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए अविश्वास प्रस्ताव भेजा था।
लेकिन 15 दिन बीत जाने के बाद भी जिलाधीश सोलन ने नप बद्दी में अध्यक्षा व उपाध्यक्ष को बहुमत साबित करने के लिए कोई आदेश जारी नहीं किए। इसी बीच कांग्रेस पार्षदों ने जिलाधीश पर सरकार के दबाब में फैसला न देने के आरोप जड़े और मोर्चा खोलने का भी ऐलान कर दिया है। ऐसे में अब फिर दोबारा अविश्वास प्रस्ताव पर रिमांडर जिलाधीश सोलन को भेजा गया है।
लेकिन नप बद्दी में पार्षदों की इस खींचातान का असल खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।
नप के 9 वार्डों में कई अहम विकास कार्य ठप्प होकर रह गए। ऑफ लाईन टैंडर करे छोटे मोटे विकास कार्य ही हुए। इन ऑफ लाईन टैंडरों पर भी कांग्रेसी पार्षद मिलीभगत के आरोप जड़ चुके हैं। आज हालत यह है कि नप बद्दी में सडक़ों की हालत खस्ता है, सफाई व्यवस्था का जनता निकला हुआ है।
अगर नप की बैठकें होती तो जनता से जुड़े कई अहम कार्यों के प्रस्ताव पार्षद अपने अपने वार्डों से नप में रखते और जनता को कुछ राहत मिलती। लेकिन आपसी खींचातान के चलते न तो बैठकें हुई न जनता की समस्याएं हल के लिए नप में उठीं।
पार्षद सुरजीत चौधरी, अजमेर कौर, मोहन लाल, तरसेम चंद व जस्सी राम ने बताय कि दोबारा डीसी सोलन को अविश्वास प्रस्ताव भेजकर नप अध्यक्षा व उपाध्यक्ष को हटाने की मांग की गई है।
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक राम कुमार चौधरी ने बताया कि अब नप में भाजपा बागी हुए पार्षद को सस्पेंड करवाने की झूठी शिकायतें कर रही है। जिन बैठकों पर पार्षद तरसेम चौधरी के अनुपस्थित होने की शिकायत का हवाला देकर सस्पेंशन की मांग की जा रही है उन बैठकों के कार्यवाही रजिस्टर में चेयरमैन और ईओ ने कौरम न पूरा होने की वजह से बैठक को स्थगित किया है। इसकी आड़ में भाजपा अविश्वास प्रस्ताव को लटकाना चाहती है जो कि संभव नहीं है। आज नहीं तो कल जिलाधीश सोलन को अविश्वास प्रस्ताव पर बहुमत साबित करने का फैसला देना होगा। सत्ता के दबाव में अविश्वास प्रस्ताव को ज्यादा दिन टाला नहीं जा सकता।
जिलाधीश सोलन कृतिका कुल्हरी से जब इस बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि अविश्वास प्रस्ताव और पार्षद के सस्पेंशन पर नियमानुसार फैसला लिया जाएगा। मामला उच्चाधिकारियों के समक्ष विचाराधीन है।