सूचना का अधिकार अधिनियम का मूल उद्देश्य नागरिकों को सशक्त बनाना-डा एसएस गुलेरिया 

बोले....आरटीआई के तहत कोई भी नागरिक किसी भी सरकारी विभाग से ले सकता है जानकारी  

सूचना का अधिकार अधिनियम का मूल उद्देश्य नागरिकों को सशक्त बनाना-डा एसएस गुलेरिया 
सूचना का अधिकार अधिनियम का मूल उद्देश्य नागरिकों को सशक्त बनाना-डा एसएस गुलेरिया 

आदर्श हिमाचल ब्यूरो 

Ads

धर्मशाला। राज्य सूचना आयुक्त डा एसएस गुलेरिया ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम का मूल उद्देश्य नागरिकों को सशक्त बनाना तथा सरकार की कार्यशैली में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना है। वीरवार को धर्मशाला डीसी परिसर के एनआईसी सभागार में सूचना के अधिकार अधिनियम के कार्यान्वयन की जिला अधिकारियों के साथ समीक्षा  बैठक की अध्यक्षता करते हुए डा एसएस गुलेरिया ने कहा कि यह अधिनियम नागरिकों को सरकार तथा विभिन्न विभागों की गतिविधियों के बारे में जागरूक करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

 

 

आरटीआई के तहत कोई भी नागरिक किसी भी सरकारी विभाग से कोई भी जानकारी ले सकता है बस शर्त यह है कि आरटीआई के तहत पूछी जाने वाली जानकारी तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक सरकारी विभाग में जन सूचना अधिकारी होता है जिसके पास आवेदन पत्र जमा करवा सकते है।

 

आवेदन पत्र का फॉर्मेट इन्टरनेट से डाउनलोड कर सकते है या फिर एक सफेद कागज पर अपना आवेदन  लिख सकते है, आवेदन किसी भी भारतीय भाषा जैसे हिंदी, इंग्लिश या किसी भी स्थानीय भाषा में दे सकते हैं, आवेदन के तीस दिन के अन्दर आवेदक को लिखित तौरपर उत्तर देना जरूरी है।

 

यह भी पढ़े:- कुल्लू कॉलेज में कमियों को लेकर एनएसयूआई ने सौंपा प्रिंसिपल को ज्ञापन

उन्होंने सभी जन सूचना अधिकारियों को आरटीआई के तहत थर्ड पार्टी को लेकर मांगी गई जानकारी को लेकर आरटीआई अधिनियमों के तहत निपटारा सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जन सूचना अधिकारी तृतीय पक्ष के संबंध में जानकारी को लेकर सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए उचित निर्णय के लिए प्राधिकृत हैं।

 

इस संबंध में जन सूचना अधिकारियों को आवश्यक तौर पर अधिनियम की विस्तृत जानकारी लेकर कार्यशाला भी आयोजित करवाई जाएगी। इससे पहले उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए उनके कार्यालय में आरटीआई मामलों के समयबद्व निपटारे के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की।