आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। स्वस्थ परिवार ही स्वस्थ हिमाचल का आधार है, इस विचार धारा के साथ हिमाचल प्रदेश सरकार प्रयासरत है। लोगों को घर के समीप बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए। हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा घर-द्वार पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के उद्देश्य की पूर्ति के लिए ग्रामीण क्षेत्रों तथा प्रदेश के जनजातीय स्वास्थ्य संस्थानों में भी स्वास्थ्य सुविधाएं सुदृढ़ की जा रही है।
यह भी पढ़े:- आउटडोर फोटोग्राफर एसोसिएशन शिमला ने गठित की कार्यकारणी, सचिन ठाकुर बने प्रधान
राज्य के जनजातीय क्षेत्र किन्नौर में स्वास्थ्य सुविधा को सुदृढ़ करने के लिए 64 स्वास्थ्य संस्थान कार्यरत हैं, जिनमें एक क्षेत्रिय अस्पताल, दो नागरिक अस्पताल, 03 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 23 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 35 स्वास्थ्य उपकेंद्र हैं। इसके अलावा क्षेत्रिय अस्पताल रिकांग पिओ में बल्ड बैंक की सुविधा भी उपलब्ध है। हाल ही में, 20 फरवरी, 2023 से क्षेत्रीय अस्पताल रिकांग पिओ में आईजीएमसी शिमला से 06 माह की सोनोलोजी ट्रेनड चिकित्सक की नियुक्ति से अल्ट्रा साउंड की सुविधा भी आरम्भ की गई है।
इसके अतिरिक्त, क्षेत्रिय अस्पताल रिकांग पिओ में चिकित्सकों के 19 पद हैं व 19 में से 19 पद भरे हुए हैं। क्षेत्रिय अस्पताल रिकांग पिओ में जनरल सर्जरी, रोग विशेषज्ञ, एनेसथीसीया, हड्डी, मेडिसीन और सोनोलोजिस्ट के विशेषज्ञ चिकित्सक अधिकारी उपलब्ध हैं।
घर-द्वार पर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्द्ध करवाने के उद्देश्य से गत एक वर्ष में जिला किन्नौर के प्रत्येक खण्ड में दो दिवसीय स्वास्थ्य चिकित्सा शिविर भी आयोजित किए गए हैं, जिनमें लगभग 375 दिव्यांग प्रमाण-पत्र जारी किए गए।
वित्त वर्ष 2023-24 में जिला किन्नौर में स्वास्थ्य सुविधा को सुदृढ़ करने के लिए 30 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया जिसमें 22 करोड़ रुपये राज्य बजट व 08 करोड़ रुपये राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत प्रावधान किया गया। बजट प्रावधान के अब तक लगभग 90 प्रतिशत से अधिक की राशि विभिन्न चिकित्सीय सुविधाओं के तहत व्यय की जा चुकी है। जिला किन्नौर में स्वास्थ्य सेवाएं गतिविधियों के तहत लगभग 57 लाख रुपये की निःशुल्क दवाईयां वितरित की जा चुकी हैं और 84.54 लाख रुपये व्यय कर निःशुल्क जांच सेवाएं दी जा चुकी हैं।