आदर्श हिमाचल ब्यूरो
जुब्बल। भाजपा सरकार के ढाई वर्ष के कार्यकाल में जुब्बल-नावर-कोटखाई को घोर निराशा हाथ लगीं हैं और डबल इंजन की सरकार होते हुए भी विकास पर पूर्ण विराम लग गया हैं। पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव नजदीक आते देख वर्तमान विधायक नरेंदर बरागटा आधे-अधूरे कामों का आनन-फानन में शिलान्यास व उद्घाघाटन करवा कर मुख्यमंत्री तथा क्षेत्र की जनता को गुमराह कर रहे हैं। यह बात ब्लॉक कांग्रेस कमेटी जुब्बल-नावर-कोटखाई के अध्यक्ष मोतीलाल डेरटा, जिला परिषद सदस्य मोतीलाल सिथटा , पूर्व जिला परिषद सदस्य लायक राम औस्टा, प्रेमलता चौहान,
वरिंदर घेजटा, भीम सिंह झौहटा शारदा ठाकुर, देवेंद्र नेगी आदि ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि सोज़ला सड़क का निर्माण व उद्धघाटन पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रोहित ठाकुर के कर कमलों द्वारा वर्ष 2013 में हो चुका था लेक़िन मौजूदा विधायक नरेंदर बरागटा इसी सड़क का मुख्यमंत्री से दोबारा उद्धघाटन करवा कर झूठा श्रेय लेने जा रहे हैं। इसी तरह प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत धानसर संपर्क मार्ग पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रोहित ठाकुर के अथक प्रयासों से स्वीकृत हुई थी।
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वर्तमान में सड़क का निर्माण कार्य आधा-अधूरा हैं और सड़क में अभी तक सोलिंग भी नही हुई हैं, ऐसे में अधिकारियों पर राजनैतिक दबाव बनाकर रात के अंधेरे में धानसर व अन्य प्रस्तावित सड़के बस को जेसीबी से खींचकर पास करवाई गई। इसी प्रकार खरशाल-धानसर-शलोली संपर्क मार्ग का शिलान्यास मुख्यमंत्री से करवाने की तैयारी की जा रही हैं जबकि बेहतर होता कि ढाई वर्षो में इस सड़क की वन अनापत्ति पत्र जैसी प्राथमिक औपचारिकताएं तो पूरी की जाती। वही शिली-रियोशल सड़क विधायक ने अपने चहेते को टेन्डर आबंटित किए बिना बनवाई गई जिसे अब नियमित करने के लिए मुख्यमंत्री से शिलान्यास करवाया जा रहा हैं जबकिं ढाई वर्ष में सड़क की सभी औपचारिकताएं पूरी कर अब उद्धघाटन करवाया जाना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि पेयजल की समस्याओं को देखते हुए पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में पूर्व विधायक व पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रोहित ठाकुर ने जुब्बल क्षेत्र में करोड़ों रुपये की पेयजल योजनाएं स्वीकृत कर, बजट की सौगात दी थी । पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रोहित ठाकुर के कार्यकाल में ₹8 करोड़ की NRDWP के तहत जुब्बल मंडल के लिए स्वीकृत पेयजल योजनाओं के टेण्डर भाजपा ने सत्ता में आते ही रदद् करवा दिए। इसी तरह BRICS के माध्यम से वित्तपोषित 194 गांवो को जोड़ने वाली ₹39 करोड़ की महत्वाकांक्षी पब्बर उठाऊ पेयजल योजना के टेन्डर पिछले ढाई वर्षो में आवार्ड तक नहीं किए गए। वही पूर्व कांग्रेस कार्यकाल के दौरान स्वीकृत ₹63 करोड़ की विभिन्न सिंचाई योजनाओं पर कछुआ चाल से कार्य हो रहा हैं।
उल्लेखनीय हैं कि धूमल सरकार के कार्यकाल (2008-2012) में चुनावी लाभ लेने के लिए वर्तमान विधायक नरेन्दर बरागटा ने झूठे आंकड़े पेश कर जनता को गुमराह करने के लिए रिकॉर्ड ₹1600 करोड़ की योजनाओं के शिलान्यास और उद्धघाटन करवाए थे जो कि धरातल में आज तक नज़र नही आए। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 2018 में हाटकोटी मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए ₹5 करोड रुपए की घोषणा की थी अब इसे घटाकर ₹3 करोड रुपए से शिलान्यास करवाया जा रहा है। पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रोहित ठाकुर के प्रयासों से जर्मन वित्तपोषित ₹18 करोड़ की लागत से KFW योजना के तहत हाटकोटी में निर्माणाधीन 66 केवी विद्युत नियंत्रण केंद्र का शिलान्यास मुख्यमंत्री से करवाया जा रहा हैं जबकि 66 केवी विद्युत नियंत्रण केंद्र के भवन का निर्माण भी हो चुका हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के 3 बजटों के बाद भी वर्तमान विधायक एक नई योजना की डीपीआर तक स्वीकृत नही करवा पाएं तथा वर्तमान विधायक पूर्व कांग्रेस सरकार के समय की स्वीकृत योजनाओं का श्रेय लेने के लिए तत्पर रहते हैं। ठियोग हाटकोटी सड़क पर पदयात्रा कर जनता को गुमराह करने वाले वर्तमान विधायक नरेन्दर बरागटा के कार्यकाल में पिछले ढाई वर्षो से सड़क योजना का कार्य अधर में लटका हुआ हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों के हालात बद से बदतर बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान विधायक आधे-अधूरे कामों का मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से उद्धघाटन करवाकर उन्हें अंधेरे में रखा जा रहा हैं और क्षेत्र की जनता की आंखो में धूल झोंक रहे हैं। वर्तमान भाजपा सरकार व विधायक सेब बाहुलीय क्षेत्रों की प्रमुख मांग श्रमिकों का प्रबंध करने में पूरी तरह से विफ़ल रहे हैं।
*निवेदक*
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*ब्लॉक कांग्रेस कमेटी*
*जुब्बल-नावर-कोटखाई*
*दिनांक 12/07/2020*