
शिवा प्रोजेक्ट के तहत 15 हजार बागवान होंगे लाभान्वित,जंगली जानवरों से फसलों को बचाने के लिए जालीदार फेंसिंग को देंगे सब्सिडी
आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू विधनसभा में अपना पहला बजट पेश कर रहे हैं। वर्ष 2023-24 के बजट भाषण की शुरुआत करते हुए CM ने हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने के लिए कई बड़े ऐलान किए। मुख्यमंत्री ने महिलाओं को 1500 रुपए फेजवाइज देने का एलान किया है । उन्होंने कहा कि 1292 करोड़ की लागत से हिमाचल में शिवा प्रोजेक्ट के तहत सात जिलों में 28 विकास खंडों में 6000 हेक्टेयर क्षेत्रों में बागवानी का विकास करेगी जिससे 15 हजार बागवान लाभान्वित होंगे। राज्य में प्राइवेट ई-बस और ई-ट्रक खरीदने पर 50% सब्सिडी दी जाएगी। सोलर प्रोजेक्ट लगाने पर युवाओं को भी 40% सब्सिडी दी जाएगी। मछली पालन के लिए तालाब निर्माण के लिए 80 फीसदी की सब्सिडी की घोषणा भ की गई है और मनरेगा दिहाड़ी मौजूदा 212 रुपये से 240 रुपये करने की घोषणा की गई है। जनजातीय क्षेत्रों में मनरेगा दिहाड़ी मौजूदा 266 रुपये से 294 रुपये करने की घोषणा। 9 लाख मनरेगा मजदूरों को इससे लाभ मिलेगा। इससे 100 करोड़ का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार वहन करेगी।
बजट में की गई घोषणाएं:-
मुख्यमंत्री ने कहा कि कहा कि चालू वित्त वर्ष में ग्रोथ रेट बीते साल की तुलना में 1.2% कम हुई है और इसके 6.4% रहने का अनुमान है। इसके बावजूद विकास में कोई बाधा नहीं आने दी जाएगी। प्रदेश में सब ट्रापिकल फ्रूट की खेती को भी बढ़ावा दिया जाएगा। एक करोड़ पौधे रोपित करने का लक्ष्य भी रखा गया है और बागवानों को CA स्टोर की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। 6 जगह नए CA स्टोर स्थापित होंगे। 20 हजार छात्राओं को ई-स्कूटी के लिए 25 हजार मिलेंगे। किसानों की आय की वृद्धि के लिए सहकारी संस्थाओं का गठन होगा। 40 हजार नए लोगों को सोशल सिक्योरिटी पेंशन मिलेगी। नशाखोरी रोकने के लिए नशा एवं मादक पदार्थ मुक्त अभियान शुरू करने की घोषणा भी की गई है। मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत जंगली जानवरों से फसलों को बचाने के लिए जालीदार फेंसिंग को सब्सिडी देंगे। युवाओं को अंग्रेजी भाषा का प्रशिक्षण दिया जाएगा। अब से अनाथ बच्चे ‘चिल्ड्रेन ऑफ स्टेट’ कहलाएंगे। इसके लिए 101 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है । बजट में साल में एक बार अनाथ बच्चों को हवाई यात्रा और तीन सितारा होटल में ठहरने की सुविधा भी मिलेगी । एकल महिलाओं को भी घर की सुविधा दी जाएगी। निराश्रितों को हर महीने चार हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी। HRTC की 1500 डीजल बसों को ई-बसों में ट्रांसफर करने की घोषणा भी बजट में की गई है। हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी बनेगी। मंडी हवाई अड्डे के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को जल्द पूरा किया जाएगा। कांगड़ा हवाई अड्डे के लिए अगले वित्त वर्ष तक भू अधिग्रहण की प्रक्रिया को पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।
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कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल बनाने के लिए डीपीआर तैयार की जाएगी मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जिले की दो पंचायतों को ग्रीन पंचायत के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके तहत 500 मेगावाट से लेकर 1 किलोवाट तक के सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट स्थापित किए जाएंगे। प्रदेश के युवाओं को 200 किलोवाट से 2 मेगावाट तक के प्रोजेक्ट स्थापित करने को 40 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी। इन परियोजनाओं से बिजली की खरीद बिजली बोर्ड के माध्यम से की जाएगी। प्रदेश को मॉडल स्टेट फॉर इलेक्ट्रिकल वाहनों के रूप में विकसित किया जाएगा।ई-वाहन क्षेत्र में हिमाचल के युवाओं को प्रोत्साहन देने के लिए प्राइवेट बस ऑपरेटर ई-बस खरीद के लिए 50% की दर से अधिकतम 50 लाख की सब्सिडी दी जाएगी। प्राइवेट ई-ट्रक खरीद के लिए 50% की दर से अधिकतम 50 लाख तक का उपदान दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंडी एयरपोर्ट के लिए 1000 करोड़ रुपये जारी करवाने के लिए विपक्ष का सहयोग मांगा। सीएम ने कहा कि केंद्रीय मंत्रालय पैसा जारी करने में आनाकानी कर रहा है। पंद्रहवें वित्तायोग की सिफारिश को लागू नहीं किया जा रहा है। सभी जिले हेलीपोर्ट से जोड़े जाएंगे। सभी मेडिकल कॉलेजों में इमरजेंसी डिपार्टमेंट बनाने की घोषणा। हिमाचल के सभी मेडिकल कालेजों में इस साल रोबोट सर्जरी शुरू होगी। इस पर 100 करोड़ खर्च होंगे। हर विस क्षेत्र में आर्दश स्वास्थ्य संस्थान केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
इसके अलावा अध्यक्ष जिला परिषद 20 हजार रुपये प्रति माह मानदेय मिलेगा। उपाध्यक्ष जिला परिषद को 15 हजार हजार रुपये प्रति माह मानदेय मिलेगा। सदस्य जिला परिषद को 6500 रुपये प्रति माह, अध्यक्ष बीडीसी को 9500 रुपये प्रति माह, उपाध्यक्ष बीडीसी को 7000 रुपये प्रति माह, सदस्य बीडीसी को 6000 रुपये प्रति माह, पंचायत प्रधान को 6000 रुपये प्रति माह, उप प्रधान को 4000 रुपये प्रति माह और सदस्य ग्राम पंचायत को 500 रुपये प्रति बैठक प्रदान किया जाएगा। ग्रामीण विकास पंचायती राज विभाग के लिए 1916 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है।