1500 के नाम पर महिलाओं को ठगा, केंद्र का नहीं जताया आभार
आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। विधानसभा में बजट चर्चा पर भाग लेते हुए नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि प्रदेश की सुक्खू सरकार का दो गारंटियां पूरी करते-करते ही दम निकल गया है। ऐसे में 10वीं गारंटी तक पहुंचते-पहुंचते सरकार की बस हो जाएगी। उन्होंने बजट को पूरी तरह खोखला करार दिया। उन्होंने कहा कि बजट भाषण बजट आंकड़ों से कतई मेल नहीं खाता है और सरकार ने इस बजट के माध्यम से लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष सरकार के जनता को गुमराह करने के प्रयास और जनविरोधी निर्णयों का जमकर विरोध करेगा। सरकार विपक्ष को नजर अंदाज नहीं कर सकती और अगर ऐसा हुआ तो लोग सरकार को नजर अंदाज कर देंगे।
जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार ने बजट में पूर्व भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई सभी कल्याणकारी योजनाओं को बजट से बाहर कर दिया है। सरकार ने विधायकों तक को नहीं बख्शा है और MLA फंड को बंद कर विधायकों को कमजोर कर दिया है। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा सैंकड़ों संस्थान बंद करने पर तंज करते हुए कहा कि अब स्थिति यह हो गई है कि प्रदेशभर में लोग बंद-बंद सुनते यह पूछने लगे हैं कि सरकार कब बंद होगी।
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नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार ने बजट में 2.31 लाख महिलाओं को 1500 रुपए मासिक भत्ता देने की घोषणा कर प्रदेश की महिलाओं को ठगा है। उन्होंने कहा कि ये 1500 रुपए भत्ता उन महिलाओं को दिया जाएगा, जो पहले से ही 1000 और 1150 रुपए सामाजिक सुरक्षा पेंशन ले रही हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रतिज्ञा पत्र के अनुसार 18 से 60 वर्ष तक आयु की सभी महिलाओं को यह भत्ता मिलना चाहिए था लेकिन बजट में इसकी कोई घोषणा नहीं की गई ।
उन्होंने प्रदेश सरकार पर NPS कर्मचारियों को ठगने का आरोप लगाया और कहा कि कर्मचारी पुरानी शर्तों पर पेंशन मांग रहे हैं, जबकि सरकार अपना SOP बना रही है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हिमाचल में अधिकांश विकास योजनाएं केंद्र सरकार द्वारा चल रही हैं। इसके बावजूद केंद्र के आभार के लिए एक भी शब्द नहीं है। केंद्र से हिमाचल को 18130 करोड़ रुपए मिलेंगे। सरकार ने बजट में इसका जिक्र तक नहीं किया।
बदले की भावना से काम करने का आरोप
जयराम ठाकुर ने सरकार पर बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाया और कहा कि संस्थान बंद करने के मामले में सरकार पर सत्ता का सुरूर नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने इस प्रथा को बंद कर दिया था, लेकिन मौजूदा सरकार ने इसे फिर से शुरू कर दिया है, जो सही नहीं है।