आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। हिमाचल की जयराम सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में अपना पांचवा व अंतिम बजट पेश किया। चुनावी वर्ष में पेश किए जाने वाले बजट से बेशक हर वर्ग को काफी उम्मीदें थी। वहीं विपक्ष को लग रहा था कि चुनावी वर्ष होने के कारण मुख्यमंत्री लोगों को रिझाने के लिए इसमें कुछ बड़ी व लोक लुभावन घोषणाएं कर सकते हैं। बावजूद इसके मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपना अंतिम बजट बेहद संतुलित रखा। सरकार ने इस साल अपनी बजट प्राथमिकता में सामाजिक क्षेत्र रखे। समाज के निम्न व मध्यम वर्ग को राहत देने की कोशिश की गई।
शुक्रवार को सदन में पेश किया गया बजट टैक्स फ्री रहा। हिमाचल में लगातार डेढ़ दशक से सरकारें टैक्स फ्री बजट पेश करती आ रही है। इसी रीत को आगे बढ़ाते हुए इस सरकार ने भी प्रदेशवासियों पर कोई नया टैक्स नहीं लगाया है। जहां सामाजिक पेंशन के दायर में सरकार ने बिना आय सीमा के सभी 60 साल पूरा करने वाले लोगों को लाया तो वहीं हाउसिंग स्कीम के जरिए लोगों को सस्ते व अच्छे मकान देने का सिलसिला जारी रखा है। इस साल इस योजना के तहत 13 हजार लोगों को नए घर दिए जाएंगे जबकि 22 हजार लोगों को पिछले साल इसी स्कीम के तहत नए घर दिए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने सदन में जानकारी दी कि जहां अब तक सामाजिक सुरक्षा पेंशन पर साढ़े चार हजार करोड़ रूपया खर्च हो रहा था तो वहीं अब इस योजना पर 13 हजार करोड़ रूपए खर्च होंगे। हालांकि बजट में कर्मचारी वर्ग की ओपीएस व अन्य मांगों को कोई जिक्र नहीं किया गया है। साथ ही सरकार ने माना कि कोरोना काल में जब सारी अर्थव्यवस्था अस्त-व्यस्त थी तब प्रदेश की अर्थव्यवस्था को कृषि व बागवानी ने संभाला व संबल दिया। सरकार ने तर्क दिया कि इन्हीं दो क्षेत्रों के कारण पिछले साल नेगटिव ग्रोथ में जा रही प्रदेश की इकोनामी में इस साल 8.3 प्रतिशत की वृद्धि रहने की संभावना है। बावजूद इसके इन दोनों क्षेत्रों को बजट में उतनी प्राथमिकता नहीं दी गई जितनी इन्हें मिलनी चाहिए था।
सरकार न इन दोनों क्षेत्रों को मिलाकर 1123 करोड़ रूपए बजट में दिए। इनमें 583 कृषि क्षेत्र को जबकि 540 रूपए का प्रावधान बागवानी क्षेत्र के लिए किया गया है। इन कुछ बातों को अगर नजरअंदाज कर दिया जाए तो सरकार ने अपने चुनावी वर्ष के बजट में हर वर्ग का ध्यान रखने का प्रयास किया है। इस साल स्वास्थ्य क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश में सीएम मोबाइल क्लीनिक की शुरुआत की जाएगी। इसके अलावा बाल पोषण योजना की भी शुरुआत करने की घोषणा की गई। पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाया गया। इसके अलावा शिक्षा क्षेत्र के लिए बड़े बजट की घोषणा की गई। रोजगार को लेकर सरकार ने बड़ी राहत दी है।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन से सात लाख जरूरतमंद होंगे लाभान्वित
मुख्यमंत्री ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि बढ़ाकर दिव्यांग, एकल नारी, वृद्ध, विधवाओं को तोहफा दिया है। यह ऐसा वर्ग है, जिन्हें आर्थिक सहायता की सबसे ज्यादा जरूरत रहती है। जयराम ने इन्हें मिलने वाली पेंशन की राशि बढ़ाकर आर्थिक सुरक्षा प्रदान की है। दावा किया जा रहा है कि प्रदेश में 2022-23 के दौरान करीब सात लाख जरूरतमंदों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ मिलेगा।
छोटे कर्मचारियों के मानदेय में बढ़ोतरी देगी बड़ी राहत
विभिन्न विभागों में सेवाएं दे रहे लगभग 65 हजार अस्थाई कर्मचारियों के मानदेय में जयराम ठाकुर ने इजाफा करके बड़ी राहत प्रदान की है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में 1700 रुपए, आशा वर्कर का मानदेय 1825 रुपए, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सिलाई अध्यापिकाओं, मिड डे मील वर्कर, वाटर कैरियर, जल रक्षक, मल्टी पर्पज वर्कर, पेरा फीटर, पंप ऑपरेटर, पंचायत चौकीदार, राजस्व चौकीदार, SPO, नंबरदार के मानदेय में भी 900 रुपए प्रति माह की बढ़ोतरी का ऐलान किया है।
मजदूरों की दिहाड़ी में सीधए 50 रूपए का इजाफा
मजदूरों की दिहाड़ी में भी 50 रुपए की बढ़ोतरी की गई है। इसके बाद राज्य में मजदूरों को न्यूनतम दिहाड़ी 350 रुपए रोजाना के हिसाब से मजदूरी मिलेगी।
इस साल सरकार देगी 30 हजार रोजगार
हिमाचल में बेरोजगारों का आंकड़ा 12 लाख से अधिक हो गया है। जयराम ठाकुर ने 2022-23 के दौरान 30 हजार बेरोजगारों को नौकरी देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि PWD, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य, बिजली बोर्ड, पुलिस समेत सभी विभागों आगामी वित्त वर्ष में 30 हजार पद भरे जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में कई सालों से गृह रक्षकों की नई भर्ती नहीं की गई। आगामी वित्त वर्ष में उन्होंने गृह रक्षकों की भर्ती करने का भी ऐलान किया है। इससे युवाओं को रोजगार को लेकर आस बंध गई है।
SC-ST की ऋण की सेटलमेंट को पॉलिसी का ऐलान
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति लोगों द्वारा फाइनेंशियल कॉरपोरेशन से लिए गए ऋण की वन टाइम सेटलमेंट के लिए पॉलिसी का ऐलान किया है। इसके लिए 12 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
साथ ही हिमाचल के स्कूलों में सेवाएं दे रहे SMC और IT अध्यापकों के वेतन में भी 1000 की बढ़ोतरी करके सरकार ने राहत प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने SMC अध्यापकों की सेवाएं भई निरंतर चालू रखने का ऐलान किया है।
जनप्रतिनिधियों का बढ़ा मानदेय
मुख्यमंत्री ने पंचायतीराज और नगर निकाय जन प्रतिनिधियों के मानदेय में भी बढ़ोतरी का ऐलान करके इन्हें खुश करने की कोशिश की है।
किसानों को सस्ती बिजली से राहत देने की कोशिश
जयराम ठाकुर ने किसानों को प्रति यूनिट 30 पैसे के हिसाब से बिजली देने की घोषणा करके उन्हें खुश करने की कोशिश की गई है। मुख्यमंत्री ने संगीत क्षेत्र के लिए कलाकारों को स्वर कोकिला लता मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की है। इसी तरह युवाओं को ड्रोन का प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार देने का भी मुख्यमंत्री ने ऐलान किया है।
इस साल डाक्टरों के 500 नए पद होंगे सृजित
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं को और सुदृड़ बनाने के लिए चिकित्सा अधिकारियों के 500 नए पद सृजित करने का ऐलान किया है। इन पदों के सृजित होने के बाद प्रदेश में चिकित्सा अधिकारियों का कॉडर 2400 से बढ़कर लगभग 2900 हो जाएंगा।
आउटसोर्स की पालिसी नहीं पर मानदेय बढ़ाया
प्रदेश के आउटसोर्स कर्मचारियों को इस बजट से सबसे बड़ा झटका लगा है। प्रदेश में 30 हजार से अधिक आउटसोर्स कर्मचारी विभिन्न विभागों में सेवाएं दे रहे थे। इनके लिए पॉलिसी का इंतजार किया जा रहा था और सबसे ज्यादा उम्मीद इनकी पॉलिसी को लेकर लगाई जा रही थी, क्योंकि कई सेवा प्रदाता कंपनियां इनका जबरदस्त शोषण कर रही है।
मुख्यमंत्री ने आउटसोर्स कर्मचारियों का न्यूनतम मासिक मानदेय प्रतिमाह 10 हजार रुपए देने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि जो सेवा प्रदाता कंपनी EPF और ESI के नाम पर इनके साथ लूट कर रही है, उनके खिलाफ श्रम विभाग को कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन इनका पॉलिसी की मांग पूरी नहीं हो पाई है।
ओपीएस का इंतजार कर रहे कर्मचारियों को हाथ लगी निराशा
चुनावी साल में NPS कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाली (ओपीएस) की बहुत ज्यादा उम्मीदे थी, लेकिन ओपीएस को लेकर कर्मचारियों को निराशा हाथ लगी है। इससे 2002 के बाद भर्ती सैकड़ों कर्मचारी मायूस हैं। इसी तरह इस बजट में अनुबंध से नियमित होने पर पूरे वेतनमान के लिए लगाए गए दो साल के राइडर के हटाए जाने की उम्मीद की जा रही थी। इस शर्त को भी नहीं हटाया गया है। 2014 के बाद भर्ती पुलिस जवानों को भी इस बजट से निराशा हाथ लगी क्योंकि इन्हें रेगुलर पे-स्केल के लिए आठ साल का इंतजार करना पड़ रहा है।
बजट में दस नई योजनाएं
अपने अंतिम बजट में जयराम सरकार ने दस नई योजनाओं को भी जगह दी है। इन योजनाओं में भी महिलाओं व बच्चों को प्राथमिकता पर रखा गया है।
बहरहाल देखना होगा कि अपने चुनावी साल में पेश किए बजट से सभी वर्गों को राहत देने की कोशिश करती नजर आ रही जयराम सरकार को ये बजट कितना नफा-नुकसान पहुंचाता है। यहां ये भी गौर करने वाली बात होगी कि जिन वर्गों को मुख्यमंत्री ने बजट में प्राथमिकता दी है क्या वे भी चुनावों में इस सरकार को तरजीह देंगे या नही।
कर्मचारि वर्ग की ओपीएस की मांग हो या आउटसोर्स कर्मियों की पॉलिसी की मांग, इसके अलावा भी अन्य वर्ग जो उम्मीद बजट से लगाए हुए थे, वे पूरी न होने पर चुनावी साल में इन सबकी प्रतिक्रिया भी महत्वपूर्ण रहने वाली है।