आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। राजधानी शिमला के संस्कृत कॉलेज फागली मे बीते 14 अगस्त से नोफल एक उम्मीद और प्रशासन की ओर से चलाए जा रहे राहत शिविर का शुक्रवार को समापन हो गया। आपको बता दें कि बीते 14 अगस्त से संस्कृत कॉलेज फागली मे आपदा के कारण वहां रह रहे लोगों ने अपनी जान बचाने के लिए एक पल में अपना सपनो का आशियाना छोड़ दिया । अपनी मेहनत की जमा की हुई पूंजी को छोड़ सेलेटर हाउस और बाल्मिकी बस्ती फागली के लोगों ने शिमला के संस्कृत कॉलेज फागली मे अपनी शरण ली ।
नोफल एक उम्मीद के संस्थापक गुरमीत सिंह ने बताया कि शुक्रवार को 18 दिन बीत जाने के बाद यह लोग सुख शांति से अपने घरों को लौट गए । शायद यह लम्हा थोड़ा सुख थोड़ा दुख भारा था, मिले तो अंजान थे लेकिन जब बिछड़े तो सब से कोई ना कोई रिश्ता था ,भाई का , भाभी का, दोस्त का ,भांजी का पोते का, दादी का ,बहन का ,जो लोग अंजान थे आज अपने है खुशी है । उन्होंने कहा कि आज यह लोग अपने घर लौट गए समय अपनी चाल चल दिया पीछे कुछ दुख भरी कुछ मीठी यादें छोड़ गया । गुरमीत सिंह ने इन लोगों के लिए भगवान से प्रार्थना की है कि ये सब अपने घरों मे सुखी रहे । साथ ही उन सभी संस्थाओं का भी धन्यवाद किया है जिन्होंने नोडल एक उम्मीद संस्था में अपना सहयोग दिया ।