आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश ने पूरे प्रदेश भर में प्रदेश सरकार के एक वर्ष को आक्रोश दिवस के रूप में मनाए। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा की हिमाचल की कांग्रेस सरकार खर्चा बेशुमार: सी0पी0एस0 की गैर-कानूनी नियुक्ति, कैबिनेट रैंक पर अनेकों की नियुक्ति, होर्डिंग व पब्लिसिटी पर भारी व्यय और गरीब जनता पर टैक्स की मार। कांग्रेस पार्टी और भ्रष्टाचार दोनों पर्यायवाची बन चुके हैं। 200 करोड़ रू0 से अधिक कांग्रेसी सांसद की कम्पनी के उपर पड़े छापों में बरामद हो चुका है परन्तु पूरी कांग्रेस खामोश है। यही कांग्रेस का चाल, चेहरा और चरित्र है।
कांग्रेस सरकार जश्न में मस्त-हिमाचल की जनता त्रस्त।
जश्न मना रहे हैं: महंगाई बढ़ाने का।
जश्न मना रहे हैं: बेरोजगारी बढ़ाने का।
जश्न मना रहे हैं: ड्रग माफिया के बढ़ने का।
जश्न मना रहे हैं: बिगड़ती कानून व्यवस्था का।
जश्न मना रहे हैं: गारंटिया पूरी न करने का।
जश्न मना रहे हैं: 1050 संस्थान बंद करने का।
हिमाचल की जनता के साथ धोखा है यह जश्न।
उन्होंने कहा की विकास हुआ ठप, जनता त्रस्त। पिछले 1 साल में कांग्रेस की वर्तमान सरकार ने 1050 संस्थान बंद कर दिए, सड़कों के निर्माण कार्य रोक दिए , सैकड़ो में ऐसे पुल है जो बनने शुरू हो गए थे उनका कार्य भी रोक दिया गाय। पीएचसी, आईपीएस, पीडब्ल्यूडी के डिवीजन बंद कर दिए यह सारे कार्य पूर्व की सरकार ने जनहित में खोले थे जिससे विकास को तेज गति प्राप्त होनी थी पर अब प्रदेश का विकास अंतिम पायदान पर खड़ा इंतजार कर रहा है। पर सरकार के काम बंद हो चुके है। सीधा सा दिख रहा है कि कामों में रुकावट और प्रदेश राम भरोसे चल रहा है।
बिंदल ने कहा कि महंगाई की मार, जन जन परेशान। 1 साल में सरकार ने डीजल के ऊपर वेट दो बार बढ़ा दिया , जिससे डीजल 7 रुपए महंगा हो गया इससे प्रदेश की जनता पर बोझ बढ़ गया। सीमेंट, सरिया, ईंट, रोड़ी और समस्त निर्माण कार्य में लग रही सामग्री महंगी हो गई, ट्रकों का किराया बढ़ गया। एचआरटीसी में किराए में बढ़ोतरी और आने जाने वाले सामान पर टिकट लगाकर जनता को परेशान करने में सरकार पीछे नहीं रही।
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मंदिरों में टैक्स, सोना चांदी बेचने की तैयारी। आमदनी का रोना रोने वाली इस सरकार ने मंदिरो में देवी देवताओं के दर्शन पर टैक्स लगा दिया ऐसा आज तक कभी नहीं हुआ और अब तो सोना चांदी बेचने की तैयारी भी हो रही है। इसका संकेत साफ है कि हिमाचल प्रदेश में कमाई के साधन बढ़ाने के लिए सरकार किसी भी हद तक जा सकती है।
सुख की सरकार में दुख का बोलबाला। सुख की सरकार का वादा करने वाली सरकार ने हिमाचल प्रदेश में हर वर्ग को दुख देने का कार्य किया है, महिलाओं को 1500 रु प्रतिमाह नहीं प्राप्त हुए, बेरोजगारों को रोजगार नहीं प्राप्त हुआ, पहली कैबिनेट में नौकरी नहीं मिल पाई, किसान अपनी फसलों का दाम तय नहीं कर पाए, यह सरकार गोबर नहीं खरीद पाए, दूध नहीं खरीद पाई , सरकार द्वारा जन कल्याणकारी योजनाओं पर रोक लगाई गई इस सरकार में केवल दुख दुख और दुख है।
कांग्रेस एक, पर घर अनेक। कांग्रेस पार्टी की अंतरकलह से प्रदेश आहत हो गया है, एकता की बात करने वाले अनेकों खेमे में बिखरते दिखाई दे रहे हैं और इसका सीधा-सीधा नुकसान प्रदेश को हो रहा है क्योंकि तालमेल की कमी की वजह से कई बड़े-बड़े कार्य धरातल पर नहीं उतर पा रहे हैं। सरदार पटेल विश्वविद्यालय का निर्णय जनहित में नहीं था और यह कांग्रेस के आपसे तालमेल की कमी की वजह से ही हुआ है।