चंबा: मिड डे मील के बजट में केंद्र ने की 30 प्रतिशत कटौती, 05 अप्रैल को दिल्ली जाएंगे मिड डे मील वर्कर

मिड डे मील वर्कर यूनियन की बैठक में फैसला, आने वाले दिनों में बनाई जाएगी व्यापक आंदोलन की रणनीति

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तरूण चौफला 

चुराह (चम्बा)। मिड डे मील वर्कर यूनियन ने आज पूरे जिला चंबा में बैठकें आयोजित की। इसी सिलसिले में आज सलूणी शिक्षा खंड में भी बैठक आयोजित की गई।
बैठक में सीटू जिला अध्यक्ष नरेंद्र शामिल रहे। बैठक की अध्यक्षता खंड अध्यक्ष जगदीश व सचिव वरिता ने की।
केंद्र सरकार ने मिड डे मील के बजट में 30 प्रतिशत की कटौती की है सरकार इस योजना को अपंग करके वेदांता, पेप्सीको, पतंजलि जैसी निजी कंपनियों के हवाले करना चाहती है।
जिस से 15 सालों से कम कर रहे मिड डे मील वर्कर के भविष्य पर खतरा है। इस के अंतर्गत काम करने वाले मिड डे मील वर्कर को कोई भी पेंशन और सामाजिक सुरक्षा लाभ नहीं है। 45वें श्रम सम्मेलन को सिफारिश के तहत स्कीम वर्कर को नियमित करना था लेकिन नहीं किया गया है।
मिड डे मील वर्कर को केवल 3500 रुपए मानदेय मिलता है जोकि इस महंगाई के जमाने उंट के मुंह में जीरा के समान है। इतना मानदेय भी 3 महीने बाद मिलता है इतने में परिवार को पालना मुश्किल है।
छुट्टियों का कोई प्रावधान नहीं है। 26 बच्चों की शर्त की वजह से आज 15 साल से सेवाएं दे रहे मिड डे मील वर्कर को नौकरी छोड़नी पड़ रही है। शिक्षण संस्थान में काम कर रहे एक तरफ 12 महीने का वेतन मिलता है तो दूसरी तरफ मिड डे मील वर्कर को केवल 10 महीने का ही वेतन मिलता है।
इसलिए इन्हीं मांगों को लेकर मिड डे मील वर्कर यूनियन 5 अप्रैल को भारी संख्या में दिल्ली जाएगी  और आने वाले समय में एक व्यापक आंदोलन पर जायेगी।